by: vijay nandan
भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत की गई सैन्य कार्रवाई के बाद अब पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और बड़ा झटका लगा है। आर्थिक रूप से संकटग्रस्त पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेलआउट पैकेज की अगली किस्त मिलने की उम्मीद थी, लेकिन IMF ने इसके लिए 11 नई और कड़ी शर्तें रख दी हैं।
आईएमएफ ने क्या कहा?
IMF ने स्पष्ट किया है कि भारत के साथ किसी भी प्रकार का तनाव या टकराव पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। IMF की ओर से कहा गया है कि इस तरह के टकराव पाकिस्तान की राजकोषीय स्थिति, विदेशी लेन-देन और सुधारों के लक्ष्यों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

पाकिस्तान पर IMF की 11 प्रमुख शर्तें:
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, IMF ने पाकिस्तान के सामने जिन शर्तों को रखा है, उनमें प्रमुख हैं:
- 17.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये के बजट को संसद से स्वीकृत कराना।
- बिजली बिलों पर अतिरिक्त शुल्क (सर्विस सरचार्ज) में बढ़ोतरी।
- तीन साल से ज्यादा पुरानी कारों के आयात पर लगे प्रतिबंध को हटाना।
- सरकारी खर्चों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना।
- टैक्स बेस का विस्तार और कर चोरी पर सख्ती।
- सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की प्रक्रिया को तेज करना।
- सब्सिडी की समीक्षा और उसे तर्कसंगत बनाना।
- केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना।
- विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करने के लिए नई रणनीति अपनाना।
- कर्ज पुनर्गठन योजनाओं में सुधार।
- सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करना।
भारत से तनाव बना बाधा
IMF ने यह भी संकेत दिया है कि यदि पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव और बढ़ता है, तो इससे न केवल पाकिस्तान की विकास योजनाएं प्रभावित होंगी, बल्कि विदेशी निवेश, व्यापार और आर्थिक सुधारों पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।