पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तरार ने दावा किया है कि उन्हें “विश्वसनीय खुफिया जानकारी” मिली है कि भारत अगले 24-36 घंटे के भीतर पाकिस्तान पर सैन्य हमला कर सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इसके गंभीर परिणाम होंगे। यह बयान ऐसे समय आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को पहलगाम आतंकी हमले (26 लोगों की मौत) का जवाब देने के लिए पूरी छूट दे दी है।
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पाकिस्तान का रुख: पलटवार या डर?
- “हम भी आतंकवाद के शिकार” – तरार ने कहा कि पाकिस्तान खुद आतंकवाद से पीड़ित है और इसकी निंदा करता है।
- जांच से बच रहा भारत? – पाकिस्तान ने एक निष्पक्ष जांच का प्रस्ताव दिया, लेकिन भारत ने इसे ठुकरा दिया।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील – पाकिस्तान ने दुनिया से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई।

भारत की कार्रवाई: पहले से ही शुरू
- सिंधु जल समझौता रद्द – भारत ने पाकिस्तान को पानी देना बंद कर दिया।
- वीजा रद्द, राजनयिकों की वापसी – पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द, सैन्य अटैचे निकाले गए।
- अटारी बॉर्डर बंद – व्यापार और यात्रा रोक दी गई।
पाकिस्तान ने जवाब में 1972 की शिमला समझौता को निलंबित कर दिया, जो 1971 के युद्ध के बाद हुई शांति संधि थी।
LoC पर तनाव: पाकिस्तान की फायरिंग
पिछले 6 दिनों से पाकिस्तानी सेना LoC पर अंधाधुंध फायरिंग कर रही है। भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की है।
Swadesh News विश्लेषण
- पाकिस्तान का डर: भारत के सख्त रुख से पाकिस्तान घबराया हुआ है।
- झूठे दावे? – पाकिस्तान अक्सर ऐसे बयान देकर अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करता है।
- भारत की रणनीति: सीधी लड़ाई के बजाय आर्थिक और राजनयिक दबाव बढ़ाना।
निष्कर्ष: पाकिस्तान का बयान प्रोपेगैंडा लगता है, लेकिन स्थिति गंभीर है। अगर भारत कोई सैन्य कार्रवाई करता है, तो यह सर्जिकल स्ट्राइक जैसी होगी, न कि पूर्ण युद्ध।