BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वर्षों से आतंकवाद को बढ़ावा देता आ रहा है और अब वह मानवता के लिए गंभीर खतरा बन चुका है।
ओवैसी ने स्पष्ट किया कि अगर उन्हें सरकार की ओर से भेजे जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया जाता है, तो वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समक्ष पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के वास्तविक चेहरे को उजागर करेंगे।
“दुनिया को सच्चाई बताना जरूरी है”
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान के समर्थन से काम कर रहे आतंकवादी लंबे समय से निर्दोष लोगों की जान ले रहे हैं। उन्होंने ज़िया-उल-हक के दौर से शुरू हुए हिंसक घटनाक्रम को याद करते हुए कहा, “हमने दशकों से इन आतंकी हमलों का दंश झेला है। अब समय आ गया है कि दुनिया को इस बारे में साफ-साफ बताया जाए।”
पाकिस्तान को इस्लामिक देश बताकर भटकाने की कोशिश
ओवैसी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अक्सर खुद को एक इस्लामी देश के रूप में प्रस्तुत करके भारत के खिलाफ एक विशेष नैरेटिव खड़ा करता है। उन्होंने कहा, “यह सोच सरासर गलत है। भारत में 20 करोड़ से अधिक मुसलमान रहते हैं, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में समान अधिकारों के साथ भागीदारी कर रहे हैं। पाकिस्तान की यह चालाकी अब चलने वाली नहीं है।”
आतंकी नेटवर्क का पोषक बना पाकिस्तान
ओवैसी ने पाकिस्तान की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि भारत को अस्थिर करना, सांप्रदायिक तनाव फैलाना और देश की आर्थिक प्रगति में बाधा डालना, पाकिस्तान के ‘डीप स्टेट’ यानी उसकी छुपी सरकार और सेना का मुख्य एजेंडा रहा है।
1947 से ही चालें चल रहा पाकिस्तान
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की असली मंशा भारत को नुकसान पहुंचाने की रही है, जिसकी शुरुआत 1947 में आजादी के बाद ही जम्मू-कश्मीर में कबायली घुसपैठ से हो गई थी। ओवैसी ने बताया कि तब से लेकर आज तक पाकिस्तान ने आतंक को एक औज़ार की तरह इस्तेमाल किया है।
पहलगाम हमले के बाद टूट गया भारत का धैर्य
ओवैसी ने कहा कि हालिया पहलगाम आतंकी हमले ने भारत की सहनशीलता की सीमा पार कर दी है। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान आतंकवादियों को हथियार, ट्रेनिंग और फंडिंग देकर पूरे विश्व की मानवता के लिए खतरा बन चुका है।