झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है। मीडिया में ऐसी खबरें लगातर चल रही हैं कि झारखंड के पूर्व सीएम और जेएएम के कद्दावर नेता चंपई सोरेन भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं। इन तमाम अटकलों के बीच उनके पैतृक गांव के आसपास से जेएमएम का झंडा हटा दिया गया है। इसके अलावा मेहुलडीह स्थित जेएमएम कार्यालय और बाजार से भी पार्टी का झंडा गायब है।
बता दें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लेकर सियासी गलियारों में ऐसी लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह कभी भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर सकते हैं। आज झारखंड की राजनीति तब ज्यादा गर्म हो गई जब पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन कोलकाता से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हुए। खबरें यहां तक है कि चंपई सोरने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मौजूदगी में आज ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
हेमंत सोरेन की गैरमौजूदगी में बने थे पार्टी की ढाल
बता दें चंपई सोरेन लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। चंपई सोरेन ने पार्टी में कई उतार चढ़ाव देखें हैं, लेकिन वह एक सच्चे नेता की तरह पार्टी के साथ हमेशा खड़े रहे हैं। जब हेमंत सोरेन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था तब चंपई ही पार्टी की ढाल बने थे और प्रदेश की कमान अपने हाथों में ली थी।
जेएमएम को लगेगा झटका?
दरअसल, हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें कथित भूमि घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया था। उनकी अनुपस्थिति में चंपई सोरेन 2 फरवरी से 3 जुलाई तक मुख्यमंत्री रहे। 28 जून को हेमंत सोरेन को झारखंड उच्च न्यायालय ने मामले में जमानत दे दी थी। 4 जुलाई को उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 49 वर्षीय नेता ने अपने मंत्रिमंडल में चंपई सोरेन को शामिल किया, जिन्हें उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा विभागों के अलावा जल संसाधन विभाग की कमान सौंपी थी लेकिन अब चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की खबर तेज है। अगर ऐसा होता है तो विधानसभा चुनाव से पहले जेएमएम को अब तक का सबसे बड़ा झटका होगा।