BY: Yoganand Shrivastva
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के मौके पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में पर्यावरण संरक्षण को लेकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। इस अवसर पर उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की, जिससे भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव के साथ वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का संदेश दिया गया।
भारतीय संस्कृति में पर्यावरण का महत्व
सीएम यादव ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय जीवनशैली में पर्यावरण संरक्षण की अवधारणाएं सदियों पुरानी हैं। एक वृक्ष को सौ पुत्रों के समान मानने वाली कहावत को उद्धृत करते हुए उन्होंने बताया कि हमारे समाज में पौधों, नदियों, पर्वतों और वन्यजीवों को पूजनीय माना गया है।
उन्होंने कहा, “आज जब दुनिया रीसायकल और री-यूज़ की बात कर रही है, तब यह समझना जरूरी है कि ये मूल्य हमारी संस्कृति में पहले से ही निहित हैं। हमें इन्हें पुनः अपनाने की आवश्यकता है।”
वातावरणीय परियोजनाएं और उपलब्धियाँ
सीएम यादव ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने जल संरक्षण के लिए 75,000 से अधिक खेत तालाबों का निर्माण किया है। इसके अलावा 1,225 अमृत सरोवरों का जीर्णोद्धार किया गया है और लगभग 95,500 कुओं को रिचार्ज किया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की सिंचित भूमि 2002 में जहाँ केवल 7 लाख हेक्टेयर थी, वहीं अब यह बढ़कर 55 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गई है।
नदी जोड़ो परियोजना और जल वितरण में अग्रणी राज्य
मध्यप्रदेश ने देश का पहला नदी जोड़ो अभियान शुरू किया है। इस योजना के तहत नदियों को आपस में जोड़कर जल भंडारण और सिंचाई क्षमता को बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना और पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं इसी दिशा में बड़ा कदम हैं।
शुद्ध ऊर्जा और ‘नेट जीरो एमिशन’ का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2030 तक 500 गीगावॉट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है और ‘नेट जीरो एमिशन’ की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही, प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने और पर्यावरणीय जागरूकता फैलाने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।
नई पहलें: पोर्टल, एटलस और पर्यावरण छात्रवृत्ति
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने “एकीकृत पर्यावरण प्रबंधन पोर्टल” का लोकार्पण किया और राज्य वेटलैंड प्राधिकरण द्वारा तैयार “वेटलैंड एटलस” का विमोचन किया। इसके अतिरिक्त चार पीएचडी छात्रों को पर्यावरण छात्रवृत्ति प्रदान की गई और पर्यावरण शिक्षा पर आधारित पाठ्य सामग्री का विमोचन भी किया गया।
पर्यावरण पुरस्कारों से नवाजे गए श्रेष्ठ कार्य
मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए विभिन्न श्रेणियों में बेहतरीन कार्य करने वाली इकाइयों और संस्थानों को पर्यावरण पुरस्कार प्रदान किए। इनमें प्रमुख रूप से जे.के. टायर, सूर्या रोशिनी, अजंता फार्मा, इंडिया वेस्ट मैनेजमेंट, नगर निगम सतना, विशेष जुपिटर हॉस्पिटल और शिशुकुंज इंटरनेशनल स्कूल शामिल रहे।
सीएम का आह्वान: भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित पर्यावरण छोड़ें
सीएम यादव ने कहा कि यदि हम आज प्रकृति की रक्षा करेंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण मिलेगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने और प्रकृति को बचाने का संकल्प लेने की अपील की।