ओडिशा: सरकारी छात्रावासों में रहने वाले अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के 26 छात्रों की मौत का मामला सामने आया है। इसमें से 6 छात्रों ने आत्महत्या की, जबकि बाकी 20 छात्रों की मृत्यु विभिन्न अस्पतालों में इलाज के दौरान हुई। शुक्रवार को विधानसभा सत्र में मंत्री ने यह जानकारी साझा की।
8 महीनों में 26 छात्रों की मौत, 6 ने की आत्महत्या
एसटी-एससी विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नित्यानंद गोंड ने बताया कि 1 जुलाई 2024 से अब तक राज्य के विभिन्न सरकारी हॉस्टलों में 26 छात्रों की मौत हुई है। इसमें से 6 छात्रों ने आत्महत्या की, जबकि अन्य 20 छात्रों की मौत इलाज के दौरान हुई।
14 जिलों में हुईं सबसे ज्यादा मौतें
मंत्री द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 14 जिलों में इन मौतों के मामले दर्ज हुए हैं। रायगढ़ जिला में सबसे ज्यादा 7 छात्रों की मौत हुई, जबकि कोरापुट और मलकानगिरी जिलों में 3-3 छात्रों की जान गई। इसके अलावा, सुंदरगढ़ और बरगढ़ जिलों में 2-2 छात्रों की मौत हुई।
इसके अलावा, बोलांगीर, गंजम, झारसुगुड़ा, कंधमाल, क्योंझर, मयूरभंज, नयागढ़, नुआपाड़ा और सुबरनपुर जिलों में प्रत्येक जिले में एक-एक छात्र की मृत्यु हुई है।
राज्य में SC-ST छात्रों के लिए 1,762 स्कूल और 5,841 हॉस्टल संचालित
मंत्री गोंड ने बताया कि राज्य सरकार 1,762 स्कूलों का संचालन कर रही है, जिनमें से 90% छात्र एसटी वर्ग के हैं। इसके अलावा, 5,841 छात्रावासों में पांच लाख से अधिक छात्र रह रहे हैं, जिनमें से 90% एसटी और 10% एससी वर्ग के छात्र हैं।
मलकानगिरी में हॉस्टल की छात्रा ने दिया बच्चे को जन्म
हाल ही में मलकानगिरी जिले के एक सरकारी छात्रावास में 10वीं कक्षा की छात्रा के मां बनने का मामला सामने आया था। यह घटना राज्य के हॉस्टलों की सुरक्षा और प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
सरकार के लिए बड़ा सवाल
सरकारी छात्रावासों में लगातार हो रही मौतों और आत्महत्याओं ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा दिए हैं। अब देखना होगा कि सरकार इन घटनाओं की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाती है।
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