BY: Yoganand Shrivastva
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकी नेटवर्क को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने भोपाल के तीन स्थानों और राजस्थान के झालावाड़ के दो ठिकानों पर आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HuT) से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों के चलते छापेमारी की। तलाशी अभियान के दौरान कई डिजिटल उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए गए हैं, जिन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
तीन जगहों पर समन्वित छापेमारी
एनआईए की टीमें भोपाल में एक साथ तीन अलग-अलग ठिकानों पर पहुंचीं और संगठन से जुड़े संदिग्ध लोगों के आवासों की तलाशी ली। साथ ही, राजस्थान के झालावाड़ में भी दो स्थानों को छापे की कार्रवाई में शामिल किया गया। यह पूरी कार्रवाई हिज्ब-उत-तहरीर के नेटवर्क और उसकी गतिविधियों को लेकर की गई थी।
पहले भी सामने आए हैं HuT के लिंक
यह पहली बार नहीं है जब भोपाल में इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई हुई हो। पिछले वर्षों में भी एजेंसियों ने कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित युवाओं को HuT से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान इन युवाओं का संबंध बांग्लादेश स्थित नेटवर्क से भी जुड़ता पाया गया था।
HuT पर केंद्र सरकार ने लगाया प्रतिबंध
गृह मंत्रालय द्वारा साल 2024 में हिज्ब-उत-तहरीर को एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित किया गया था। यह संगठन मूल रूप से 1953 में यरूशलम में स्थापित हुआ था और इसका उद्देश्य दुनिया भर में इस्लामिक शरिया कानून लागू करना बताया जाता है।
सरकार के अनुसार, HuT भारत में युवाओं को उग्रपंथ की ओर धकेलता है और उन्हें आईएसआईएस जैसे खतरनाक संगठनों में शामिल होने के लिए उकसाता है। इसकी गतिविधियाँ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा मानी जा रही हैं।
फॉरेंसिक जांच के बाद खुल सकते हैं और राज
एनआईए ने जिन डिजिटल डिवाइस और दस्तावेजों को जब्त किया है, उन्हें अब गहन तकनीकी विश्लेषण के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है। इन उपकरणों की जांच से संगठन के संपर्क, विदेशी फंडिंग, या नेटवर्क विस्तार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ सामने आ सकती हैं।
आतंकी नेटवर्क पर NIA की सख्त निगरानी
इस छापेमारी से साफ है कि एनआईए देश में आतंकी विचारधारा फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ कठोर कदम उठा रही है। भोपाल और झालावाड़ की कार्रवाई से कट्टरपंथी गतिविधियों पर लगाम लगाने की दिशा में एक और अहम कड़ी जुड़ गई है।