CBI जांच की मांग तेज
रायपुर।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य घटना ने एक बार फिर समाज की सोच और कानून व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। मासूम बच्ची के साथ हुई क्रूरता को लेकर पूरे प्रदेश में आक्रोश का माहौल है।
अब इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। कांग्रेस द्वारा गठित जांच दल की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। कांग्रेस जांच समिति जब पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची तो परिवार ने आरोपी के तौर पर नामित किए गए चाचा पर संलिप्तता से साफ इनकार किया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने जबरन गुनाह कबूल करवाने की कोशिश की और विरोध करने पर परिवार के लोगों के साथ मारपीट की गई। आरोप है कि पुलिस ने मामले को रफा-दफा करने के लिए धन का प्रलोभन भी दिया।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने इस मामले को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन की घोषणा कर दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, “दुर्ग में देश की एक और निर्भया के साथ जो घटित हुआ, वह मानवता को शर्मसार करता है। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस दुर्ग से रायपुर तक ‘न्याय यात्रा’ निकालेगी। हम मांग करते हैं कि मामले की CBI जांच हो ताकि असली आरोपी सलाखों के पीछे पहुंच सकें।”
वहीं, कांग्रेस विधायक संगीता सिंह ने भी पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीड़ित परिवार को डराया-धमकाया गया और झूठे आरोप लगाने के लिए दबाव बनाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ अंतिम सांस तक खड़ी रहेगी।
राजनीतिक बयानबाजी तेज
कांग्रेस की न्याय यात्रा की घोषणा के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि “कांग्रेस के पास अब कुछ नहीं बचा है। हार से बौखलाकर ये लोग ऐसे मुद्दों को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश की जनता अब इनके झांसे में नहीं आने वाली।”
पुलिस की भूमिका पर सवाल
घटना के 24 घंटे के भीतर आरोपी चाचा को गिरफ्तार किए जाने, और पीड़ित परिवार के बयान के बाद अब पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह सवाल उठ रहे हैं कि इतनी जल्दी पुलिस ने किस आधार पर आरोपी तय कर लिया, और परिवार के लोगों के साथ कथित मारपीट क्यों की गई? क्या पुलिस किसी को बचा रही है?
कांग्रेस की न्याय यात्रा और CBI जांच की मांग के साथ अब यह मामला सिर्फ कानून व्यवस्था तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राजनीतिक मोड़ भी ले चुका है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले की जांच कौन सी दिशा में जाती है और मासूम बच्ची को इंसाफ कब मिलेगा।