नेपाल में जारी राजनीतिक संकट और हिंसक प्रदर्शनों ने वहां रह रहे लोगों के साथ-साथ भारत में पढ़ाई कर रहे नेपाली छात्रों को भी गहरी चिंता में डाल दिया है। दशहरा के मौके पर घर लौटने की उनकी योजनाएं अब स्थगित हो गई हैं। कई छात्र मानते हैं कि हालात सामान्य होने तक उनके लिए भारत में रहना ही सुरक्षित है।
नेपाल में उथल-पुथल और हिंसक प्रदर्शन
- नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण हालात बिगड़ गए हैं।
- पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद भी अशांति थमी नहीं है।
- राजधानी काठमांडू समेत कई शहरों में सेना और सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
- ललितपुर, भक्तपुर और अन्य जिलों में धारा 144 जैसे प्रतिबंध लागू हैं।
भारतीय विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे नेपाली छात्रों की स्थिति
भारत के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में पढ़ाई कर रहे नेपाली छात्र इन हालात से प्रभावित हैं।
- दिल्ली विश्वविद्यालय के एक छात्र ने बताया कि उन्होंने दशहरा पर घर जाने का प्लान रद्द कर दिया है।
- आईआईटी धनबाद के छात्र मनोज चौधरी ने कहा कि काठमांडू में हिंसा की खबरें बेहद चिंताजनक हैं, इसलिए उन्होंने भी घर लौटने का विचार टाल दिया है।
- दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने बताया कि उनके दादा-दादी नेपाल में हैं और लगातार उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता बनी रहती है।
छात्रों की पीड़ा और असमंजस
- कई छात्रों ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि छात्रों की आवाज उठाने पर उनकी जान जा सकती है।
- कुछ छात्रों ने स्वीकार किया कि हिंसा और तबाही की खबरें उन्हें भीतर तक झकझोर रही हैं।
- साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की एक पीएचडी छात्रा ने कहा कि अपने देश में हिंसा देखकर विदेश में बैठना बेहद असहाय बना देता है।
भारत सरकार की एडवाइजरी
नेपाल में जारी तनावपूर्ण हालात को देखते हुए भारत सरकार ने भी अपने नागरिकों को सलाह दी है कि फिलहाल नेपाल की यात्रा न करें और स्थिति सामान्य होने तक इंतजार करें।
भारत में पढ़ रहे नेपाली छात्रों के लिए यह समय बेहद कठिन है। परिवार से दूर रहकर भी वे लगातार अपने प्रियजनों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हालांकि, उनकी उम्मीद है कि जल्द ही नेपाल में शांति बहाल होगी और वे सुरक्षित तरीके से घर लौट पाएंगे।





