नेपाल में फ्लाइट ड्रोन टेस्टिंग के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। छात्रों द्वारा विकसित किया गया एक ड्रोन सीधा देश के संसद भवन पर गिर गया, जिससे सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। हादसे के बाद पुलिस ने एक कॉलेज प्रोफेसर और चार छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है।
ड्रोन कैसे गिरा संसद भवन पर?
- यह घटना नेपाल की राजधानी काठमांडू में मंगलवार को हुई।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ड्रोन टेक्स्पायर कॉलेज के प्रोफेसर की निगरानी में छात्रों द्वारा बनाया गया था।
- जब छात्र इसकी टेस्ट फ्लाइट कर रहे थे, तभी यह ड्रोन संचार गड़बड़ी के चलते संसद भवन की छत पर जा गिरा।
पुलिस का बयान
काठमांडू मेट्रोपॉलिटन पुलिस के प्रवक्ता अपिल बोहरा ने बताया:
- संसद भवन की छत पर ड्रोन गिरने की सूचना मिलते ही जांच शुरू की गई।
- संसद परिसर नो-फ्लाई ज़ोन में आता है, जहां किसी भी तरह की उड़ान प्रतिबंधित है।
- ड्रोन कॉलेज परिसर से ही उड़ाया गया था।
कॉलेज प्रशासन ने क्या कहा?
कॉलेज के प्रिंसिपल लक्ष्मण पोखरेल के अनुसार:
- यह ड्रोन छात्रों के शैक्षणिक प्रोजेक्ट का हिस्सा था।
- टेस्ट फ्लाइट के दौरान तकनीकी दिक्कतें आईं और ड्रोन नियंत्रण से बाहर हो गया।
- संसद भवन पर गिरने की यह घटना आकस्मिक थी, कोई दुर्भावना नहीं थी।
आरोपी कौन हैं?
- गिरफ्तार किए गए पांचों संदिग्धों में एक प्रोफेसर और चार कॉलेज छात्र शामिल हैं।
- सभी को फिलहाल हिरासत में रखा गया है और मामले की गहन जांच जारी है।
सुरक्षा में चूक या तकनीकी भूल?
यह घटना एक ओर जहां सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर यह भी सवाल उठाता है कि तकनीकी टेस्टिंग के दौरान ऐसे संवेदनशील क्षेत्रों के पास उड़ान की इजाजत कैसे दी गई। नेपाल सरकार ने फिलहाल इस मामले में सख्त रुख अपनाया है।
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इस पूरी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ड्रोन टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग करते समय सुरक्षा मानकों का पालन करना बेहद जरूरी है। भले ही यह घटना एक शैक्षणिक प्रयोग का हिस्सा रही हो, लेकिन नो-फ्लाई ज़ोन में ड्रोन का गिरना गंभीर मामला है। आने वाले दिनों में नेपाल सरकार इससे जुड़े नियमों को और सख्त कर सकती है।