मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (PWD) ने 355 फ्लाईओवर और रेलवे ओवरब्रिज की डिज़ाइन रद्द करने के आदेश को महज 24 घंटे के भीतर ही वापस ले लिया है। विभाग के ब्रिज सर्कल के चीफ इंजीनियर पीसी वर्मा ने यह स्वीकार किया कि यह आदेश गलती से जारी हुआ था।
क्यों हुआ आदेश वापस?
- पीसी वर्मा ने माना कि डिज़ाइन को रद्द करने का अधिकार उनके पास नहीं था।
- फ्लाईओवर और ओवरब्रिज की डिज़ाइन, रेलवे और PWD की संयुक्त प्रक्रिया के तहत तैयार की जाती है।
- आदेश को बिना किसी समीक्षा और प्रक्रिया के जारी करना त्रुटिपूर्ण था।
- इसी वजह से इसे 24 घंटे के भीतर निरस्त कर दिया गया।
आदेश की टाइमलाइन
- 15 जुलाई 2025:
पीसी वर्मा ने आदेश जारी कर कहा कि प्रदेश के सभी निर्माणाधीन और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स की जनरल अरेंजमेंट ड्रॉइंग (GAD) तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है। - 16 जुलाई 2025:
उन्होंने मीडिया से कहा कि यह आदेश गलती से जारी हुआ था और इसे वापस ले लिया गया है। - रात 9:45 बजे:
आधिकारिक रूप से आदेश वापसी की सूचना मीडिया को दी गई।
आगे क्या होगा?
- अब सभी प्रोजेक्ट्स रिव्यू के बाद ही आगे बढ़ेंगे।
- बरसात के समय को ध्यान में रखते हुए इस दौरान निर्माण गतिविधियां रुकी हुई हैं, इसलिए इस अवधि में समीक्षा की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
- PWD अब केंद्र सरकार के सड़क मंत्रालय की तर्ज पर एक नई व्यवस्था लागू करने की योजना बना रहा है, जिसमें सड़कों का रखरखाव गारंटी पीरियड में शामिल किया जाएगा।
मध्य प्रदेश में PWD का यह यू-टर्न बताता है कि बिना समन्वय और समीक्षा के लिए गए फैसले कितने गंभीर असर डाल सकते हैं। हालांकि विभाग ने समय रहते गलती सुधारी, लेकिन यह घटना प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और जिम्मेदारी की जरूरत को भी उजागर करती है।