रिपोर्टर: प्रताप सिंह बघेल
मुरैना जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति को दुरुस्त रखने के लिए कलेक्टर अंकित अष्ठाना ने अहम कदम उठाया है। एसपी की अनुशंसा पर आपराधिक रिकॉर्ड वाले 282 शस्त्र धारकों के लाइसेंस सस्पेंड कर उन्हें अपनी रायफल थानों में जमा करने का निर्देश दिया गया।
यह कार्रवाई जिले में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में शस्त्र निलंबन की है और इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि अब अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
एसपी की सिफारिश और थानों की भूमिका

मुरैना जिले में लगातार हो रही गोलीबारी की घटनाओं को देखते हुए एसपी ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले शस्त्र धारकों की पहचान के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए थे। इसके बाद, थानों ने अपने-अपने क्षेत्र के आपराधिक रिकॉर्ड वाले शस्त्र धारकों की सूची तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी।
एसपी ने सभी थानों से प्राप्त सूची का विश्लेषण कर कलेक्टर को 411 शस्त्र लाइसेंस सस्पेंड करने की सिफारिश की। इसके आधार पर कलेक्टर ने 282 लाइसेंस सस्पेंड किए और संबंधित धारकों को थानों में रायफल जमा करने का आदेश दिया।
जन सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
कलेक्टर अंकित अष्ठाना का मानना है कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले शस्त्र धारक अपने हथियारों का दुरुपयोग कर कानून-व्यवस्था बिगाड़ सकते हैं। ऐसे लोग साक्षियों को धमका कर न्यायालय के निर्णयों को प्रभावित करने की भी कोशिश कर सकते हैं।
इसलिए जन-सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे शस्त्र धारकों के लाइसेंस सस्पेंड करना आवश्यक है।
मुरैना में संदेश साफ: अपराधियों को अब नहीं बख्शा जाएगा
इस कार्रवाई के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि मुरैना प्रशासन अपराधियों पर नकेल कसने में गंभीर है। जिले में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम ऐतिहासिक और प्रभावी माना जा रहा है।