BY: Yoganand Shrivastva
नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित ‘सोमनाथ ज्योतिर्लिंग महा रुद्र पूजा’ कार्यक्रम में कहा कि भारत आज की महाशक्तियों की तरह शक्ति प्रदर्शन करने वाला देश नहीं बनेगा। उनका कहना है कि भारत सेवा और वैश्विक कल्याण के भाव के साथ आगे बढ़ेगा।
भारत का चरित्र सेवाभाव में निहित
भागवत ने अपने संबोधन में बताया कि भारत की असली ताकत सेवा और परोपकार में निहित है। उन्होंने कहा कि दुनिया में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में प्रगति होने के बावजूद भी वैश्विक संघर्ष जारी हैं। यही कारण है कि भारत अपनी भूमिका शक्ति प्रदर्शन के बजाय दुनिया की सेवा और मार्गदर्शन करने में निभाएगा।
भारत दुनिया को दिखाएगा नया रास्ता
RSS प्रमुख ने यह भी कहा कि भारत दुनिया को एक नया दृष्टिकोण देगा। उन्होंने कहा, “दुनिया भारत को गुरु कहेगी, लेकिन भारत उसे मित्र के रूप में देखेगा। हमें वैश्विक कल्याण की दिशा में काम करना है। हम आज की महाशक्तियों की तरह शक्ति प्रदर्शन नहीं करेंगे, बल्कि तटस्थ और व्यवस्थित ढंग से पूरी दुनिया की सेवा करेंगे।”
देव भक्ति और देशभक्ति एक हैं
भागवत ने यह स्पष्ट किया कि देव भक्ति और देशभक्ति अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सच्ची भक्ति करता है, वह अपने देश की भी भक्ति करेगा। उनके अनुसार, यह कोई सिद्धांत नहीं बल्कि अनुभव है कि सच्ची भक्ति अपने आप देशभक्ति को भी जन्म देती है।
प्रगति के बावजूद असंतोष
संघ प्रमुख ने यह भी बताया कि विज्ञान और ज्ञान में प्रगति होने के बावजूद दुनिया में असंतोष और संघर्ष अभी भी मौजूद हैं। लोगों के पास बहुत कुछ होने के बावजूद वे संतुष्ट नहीं हैं, और यही कारण है कि विश्व मार्गदर्शन की तलाश में है।