केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि राज्य 1 नवंबर 2025 तक गरीबी मुक्त राज्य बन जाएगा। उन्होंने यह दावा सरकार के चौथे कार्यकाल की सालगिरह पर आयोजित एक जनसभा में किया। यह घोषणा न केवल राज्य की विकास नीति का प्रमाण है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे लोगों को केंद्र में रखकर बनाई गई योजनाएं असर दिखा रही हैं।
केरल की तरक्की का मॉडल: जन-हितैषी नीतियों और औद्योगिक रणनीतियों का मेल
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि:
“केरल देश में सबसे कम गरीबी दर वाला राज्य है। यह मजबूत और कुशल सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की वजह से संभव हुआ है, जिसे हमने सालों में और भी मजबूत बनाया है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य की तरक्की का राज है – जन-हितैषी नीतियों और भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई औद्योगिक रणनीतियां। इसी वजह से केरल में देश में सबसे कम महंगाई भी है।
‘इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ में सुधार के लिए की गई पहल
सीएम विजयन ने बताया कि 2016 में जब एलडीएफ सरकार ने कार्यभार संभाला था, तब सबसे बड़ी चुनौती थी – निवेश माहौल को सुधारना। इसके लिए सरकार ने कई बड़े कदम उठाए:
- उद्योगपतियों और निवेशकों से खुलकर संवाद किया
- कानूनों और नियमों में संशोधन किए
- संरचनात्मक सुधार लागू किए
- ‘उद्यमिता का वर्ष’ की पहल की, जिसे केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मॉडल के तौर पर मान्यता दी
केंद्र पर आरोप: ‘केरल के साथ अन्याय हो रहा है टैक्स वितरण में’
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर कर वितरण (Tax Devolution) में पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर टैक्स शेयर सही तरीके से दिया जाता, तो:
- 2022-23 में केरल को अतिरिक्त ₹2,282 करोड़ मिलते
- 2023-24 में अतिरिक्त ₹2,071 करोड़ मिलते
सीएम विजयन ने बताया कि:
“2022-23 और 2023-24 में सभी राज्यों द्वारा अर्जित कुल टैक्स में केरल की हिस्सेदारी 3.7% थी, लेकिन केंद्र से प्राप्त हिस्सेदारी सिर्फ 1.53% और 1.13% रही। जनसंख्या के हिसाब से हमें कम से कम 2.7% मिलना चाहिए था।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह कोई अतिरिक्त मांग नहीं है, बल्कि केरल का वाजिब हक है।
मुख्य बिंदु (Bullet Points) में पूरी खबर:
- 📅 घोषणा की तारीख: 23 मई 2025
- 📍 स्थान: तिरुवनंतपुरम, केरल
- 🧑⚖️ घोषणा करने वाले: मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन
- 🎯 लक्ष्य: 1 नवंबर 2025 तक गरीबी मुक्त केरल
- 📉 मौजूदा स्थिति: देश में सबसे कम गरीबी और महंगाई दर
- ⚙️ उद्योग क्षेत्र: ‘उद्यमिता का वर्ष’ जैसी योजनाओं से कारोबारी माहौल बेहतर
- ⚖️ टैक्स विवाद: केंद्र से ₹4,353 करोड़ का बकाया दावा
केरल मॉडल क्यों है बाकी राज्यों के लिए उदाहरण?
- सशक्त सार्वजनिक वितरण प्रणाली: गरीब और मध्यम वर्ग को सीधा लाभ
- साक्षरता और स्वास्थ्य में अग्रणी: मानव विकास सूचकांक में शीर्ष पर
- राजनीतिक स्थिरता: नीति-नियोजन में निरंतरता और पारदर्शिता
- रोजगार सृजन पर फोकस: MSME और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
निष्कर्ष: क्या केरल सच में बन सकता है गरीबी-मुक्त राज्य?
मुख्यमंत्री की यह घोषणा एक बड़ी राजनीतिक और सामाजिक प्रतिबद्धता है। अगर राज्य सरकार की योजनाएं ज़मीन पर सही तरीके से लागू होती हैं, और केंद्र से मिलने वाली वित्तीय सहायता भी समय पर आती है, तो यह लक्ष्य प्राप्त करना असंभव नहीं है।
इस ऐलान से यह ज़रूर स्पष्ट हो गया है कि केरल विकास के अपने मॉडल से बाकी भारत के लिए एक मजबूत मिसाल पेश कर रहा है।
केरल 1 नवंबर तक होगा गरीबी मुक्त: CM पिनाराई विजयन की बड़ी घोषणा





