रिपोर्ट: सर्वेंद्र सिंह , अपडेट योगानंद श्रीवास्तव
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ पुलिस को चौंकाया बल्कि पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। घाटमपुर क्षेत्र में पुलिस ने जिस युवक को मृत मानकर पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी थी, वह खुद थाने आ पहुंचा और बोला – “साहब, मैं अब भी जिंदा हूं। मेरा पोस्टमॉर्टम मत कराइए।”
गुरुवार को मिला था अज्ञात शव, बहन ने भाई समझकर की थी शिनाख्त
घटना की शुरुआत घाटमपुर के मुख्य चौराहे पर एक युवक का शव मिलने से हुई थी। जब पहचान नहीं हो पाई, तो पुलिस ने तस्वीरों को सोशल मीडिया और वॉट्सएप ग्रुपों में साझा किया। उसी दिन शाम को ईदुरुख गांव की सुमन नामक महिला ने उस शव को अपने भाई अजय शंखवार के रूप में पहचान लिया।
सुमन का कहना था कि मृतक ने लाल शर्ट और काली पैंट पहन रखी थी, जो अजय के कपड़ों से मेल खा रही थी। साथ ही चेहरा भी काफी हद तक उसके भाई जैसा ही लग रहा था। पुलिस ने इस बयान के आधार पर शव का पंचनामा करवा कर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
शुक्रवार को खुद थाने पहुंचा ‘मृत’ युवक
शुक्रवार को, सबको चौंकाते हुए, अजय खुद घाटमपुर थाने पहुंच गया। उसने पुलिस को बताया कि वह भीतरगांव स्थित एक ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करता है और उसके पास मोबाइल फोन नहीं है। आमतौर पर वह हफ्ते में एक-दो बार किसी और के फोन से घरवालों को सूचना देता है।
जब उसे पता चला कि उसका ‘पोस्टमॉर्टम’ किया जा रहा है, तो वह सीधे थाने आ पहुंचा और अपनी मौजूदगी की पुष्टि की।
पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया रोकी गई, असली शव की पहचान अब बनी चुनौती
अजय के जीवित मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पर रोक लगाई। घाटमपुर के एसीपी कृष्णकांत यादव ने बताया कि पहचान में मानवीय त्रुटि हुई है। अब पुलिस उस लावारिस शव की वास्तविक पहचान करने के लिए दोबारा जांच में जुट गई है।
परिवार में खुशी, इलाके में चर्चा का विषय बनी घटना
अजय को जीवित देखकर उसके परिजनों में राहत और खुशी की लहर दौड़ गई। वहीं, यह घटना क्षेत्र में चर्चा का मुख्य विषय बन गई है।
फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि अज्ञात शव किसका है और उसकी मृत्यु किन परिस्थितियों में हुई।