रूस के पूर्व प्रधानमंत्री मिखाइल फ्राडकोव ने शुक्रवार को डीएमके सांसद कनिमोळी के नेतृत्व में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। यह बैठक वैश्विक चुनौतियों खासकर आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर केंद्रित रही। दोनों पक्षों ने इस विषय पर खुलकर चर्चा की और सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई।
बैठक की मुख्य बातें
- यह बैठक रूसी सामरिक अध्ययन संस्थान (RISS) में हुई, जिसका नेतृत्व मिखाइल फ्राडकोव कर रहे हैं।
- भारतीय प्रतिनिधिमंडल में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसद शामिल थे।
- चर्चा का केंद्र रहा – आतंकवाद और वैश्विक सुरक्षा।
कौन-कौन शामिल थे भारतीय प्रतिनिधिमंडल में?
इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में निम्नलिखित प्रमुख नेता शामिल थे:
- कनिमोळी (डीएमके सांसद) – प्रतिनिधिमंडल की नेता
- राजीव राय (सपा सांसद)
- कैप्टन बृजेश चौक्टा (भाजपा सांसद)
- प्रेमचंद गुप्ता (राजद सांसद)
- डॉ. अशोक कुमार मित्तल (आप सांसद)
- मंजीव सिंह पुरी – भारत के पूर्व राजदूत
यह दौरा भारत के वैश्विक रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत नीति
कनिमोळी ने बताया कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी संसद की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लट्सकी और अन्य सदस्यों के साथ मुलाकात की। इसमें भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त और एकमत नीति को दोहराया गया:
- निर्विवाद और बिना शर्त संकल्प – आतंकवाद के हर रूप को हराने का
- राष्ट्रीय एकता और अडिग इरादा – भारत किसी भी कीमत पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा
- शून्य सहिष्णुता नीति – आतंकवाद के खिलाफ
कनिमोळी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:
“हमारे प्रतिनिधिमंडल ने रूसी संसद के सदस्यों को भारत की अडिग और बिना शर्त आतंकवाद विरोधी नीति से अवगत कराया, जो हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”
भारत-रूस संबंधों को नई दिशा
इस मुलाकात से पहले, रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों की प्रमुख बातों से अवगत कराया:
- रक्षा, रणनीति और आतंकवाद विरोधी सहयोग
- मजबूत ऐतिहासिक और कूटनीतिक संबंध
- संसद स्तर पर संवाद की बढ़ती भूमिका
प्रतिनिधिमंडल की अगली यात्राएं
रूस के बाद यह भारतीय प्रतिनिधिमंडल यूरोप के चार और देशों का दौरा करेगा:
- स्लोवेनिया
- ग्रीस
- लातविया
- स्पेन
यह यात्रा भारत की वैश्विक पहल “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत हो रही है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग के ज़रिए आतंकवाद से लड़ना है।
भारत का वैश्विक संदेश: आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता
इस सर्वदलीय दौरे से भारत यह स्पष्ट कर रहा है कि आतंकवाद के मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर एक मजबूत राष्ट्रीय रुख अपनाया गया है। इसके जरिए भारत दुनिया को यह संदेश दे रहा है:
- राजनीतिक मतभेद भुलाकर एकजुटता
- वैश्विक मंचों पर भारत की सक्रिय भूमिका
- आतंकवाद के खिलाफ सख्त और प्रभावी नीति
निष्कर्ष: सहयोग और संकल्प की मिसाल
मिखाइल फ्राडकोव और भारतीय प्रतिनिधिमंडल की बैठक केवल एक औपचारिक कूटनीतिक संवाद नहीं था, बल्कि यह वैश्विक आतंकवाद से निपटने की दिशा में एक प्रभावी पहल थी। जैसे-जैसे यह प्रतिनिधिमंडल अपने अंतरराष्ट्रीय दौरे को आगे बढ़ा रहा है, वह दुनिया भर को यह स्पष्ट संदेश दे रहा है:
भारत आतंकवाद के किसी भी रूप को बर्दाश्त नहीं करेगा – और इसके खिलाफ हर मंच पर संघर्ष जारी रखेगा।





