श्रीलंकाई क्रिकेट कोच मुरलीधरन को दी गई जमीन पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा, सरकार ने जांच का दिया आश्वासन
श्रीनगर: श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर और कोच मुथैया मुरलीधरन को जम्मू-कश्मीर में जमीन आवंटित किए जाने का मुद्दा सोमवार को विधानसभा में जोरशोर से उठा। विपक्षी दलों ने इस फैसले पर कड़ा ऐतराज जताते हुए सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
इस मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा हुआ, जिसके बाद सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया कि इस मामले की पूरी जांच कराई जाएगी और अगर कोई अनियमितता पाई गई तो उचित कार्रवाई होगी।
विपक्ष ने उठाए सवाल
विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार बाहरी लोगों को जमीन आवंटित कर स्थानीय नागरिकों के अधिकारों का हनन कर रही है। कुछ विधायकों ने सवाल उठाया कि आखिर किस आधार पर मुरलीधरन को यह जमीन दी गई और क्या इससे स्थानीय लोगों के हितों पर असर पड़ेगा?
सरकार का जवाब
विधानसभा में जवाब देते हुए सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा, “हम इस मामले की पूरी जांच करेंगे। अगर कोई अनियमितता हुई है, तो उसे तुरंत ठीक किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पारदर्शी तरीके से काम कर रही है और जनता के हितों की रक्षा की जाएगी।
मामला क्यों विवादों में?
मुथैया मुरलीधरन, जो श्रीलंका के महान स्पिन गेंदबाजों में से एक हैं, को जम्मू-कश्मीर में जमीन आवंटित किए जाने से राजनीतिक बहस छिड़ गई है। कुछ लोग इसे सरकार की नीतियों के तहत निवेश आकर्षित करने की कोशिश मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे स्थानीय लोगों की जमीन से जुड़ा मुद्दा बता रहे हैं।
आगे क्या?
सरकार के आश्वासन के बाद भी विपक्ष इस मुद्दे पर आक्रामक बना हुआ है। आने वाले दिनों में इस पर और बहस होने की संभावना है। अब देखना होगा कि जांच के बाद क्या निष्कर्ष सामने आते हैं और सरकार इस विवाद को कैसे सुलझाती है।