जयपुर के जौहरी बाजार इलाके में जामा मस्जिद के बाहर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में मस्जिद की सीढ़ियों पर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ लिखे पोस्टर लगाए और उन पर पैर रखे।
इस घटना के बाद वहां मौजूद लोगों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया। मामला इतना बढ़ा कि पुलिस ने बालमुकुंद आचार्य के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने और सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में FIR भी दर्ज कर दी।
सोशल मीडिया पर मांगी माफी
विवाद बढ़ते देख विधायक बालमुकुंद आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर जनता से माफी मांगी।
वीडियो में उन्होंने कहा:
“अगर मेरे पोस्टर लगाने से किसी को दुख पहुंचा है तो मैं खेद प्रकट करता हूं। मेरा मकसद किसी भी समुदाय या धर्म को आहत करना नहीं था। इस समय हमें एकजुट होकर देश और आतंकवाद के खिलाफ लड़ना चाहिए।”
उन्होंने यह भी अपील की कि जयपुर में किसी तरह के बंद या व्यापारिक गतिविधियों को रोकने की जरूरत नहीं है।
“हमारे व्यापार को नुकसान पहुंचाने से सिर्फ गलत ताकतों को फायदा होगा।”
पार्टी से भी मिली फटकार
प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी बालमुकुंद आचार्य को फोन कर फटकार लगाई।
राठौड़ ने साफ शब्दों में कहा कि इस संवेदनशील समय में सबको साथ लेकर चलना चाहिए, न कि समुदायों के बीच दरार डालनी चाहिए।
इसके बाद बालमुकुंद आचार्य ने आश्वस्त किया कि भविष्य में वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जो विवाद का कारण बने।
घटना के पीछे की साजिश?
बालमुकुंद आचार्य ने अपने वीडियो में यह भी दावा किया कि:
“आतंकवादियों की यह साजिश थी कि देश का माहौल खराब हो। वे जाति और धर्म के आधार पर लोगों में फूट डालने की कोशिश कर रहे थे। हमें उनकी चाल को समझना चाहिए और एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।”
निष्कर्ष
इस पूरे विवाद से एक बात साफ है — संवेदनशील समय में जिम्मेदारी से व्यवहार करना बेहद जरूरी है। नेता हो या आम नागरिक, सबको शांति और सौहार्द बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
देश को आतंकवाद से लड़ना है, न कि आपसी विभाजन से।