इंदौर ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है — और यह लगातार आठवीं बार हुआ है। इस उपलब्धि पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इंदौर को राष्ट्रीय मंच से सम्मानित किया। इस बार इंदौर को “सुपर लीग” में भी शामिल किया गया, जो भारत के टॉप 23 शहरों की लीग है।
इंदौर को मिला स्वच्छता का सर्वोच्च सम्मान
- समारोह का आयोजन गुरुवार को दिल्ली में हुआ।
- पुरस्कार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के हाथों सौंपा गया।
- मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, और नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा समारोह में मौजूद रहे।
“सुपर लीग” में भी नंबर वन बना इंदौर
इस साल भारत सरकार ने टॉप प्रदर्शन करने वाले शहरों के लिए एक विशेष “सुपर स्वच्छ लीग” बनाई, जिसमें उन शहरों को शामिल किया गया जो पहले कभी टॉप 3 में रह चुके हैं।
- इंदौर ने सुपर लीग में सबसे अधिक अंक प्राप्त किए।
- अब इंदौर केवल प्रतियोगिता में नहीं, बल्कि अन्य शहरों को मार्गदर्शन देने की भूमिका निभाएगा।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने इजराइल से वीडियो संदेश में कहा,
“इंदौर एक बार फिर सिरमौर है। हम सिर्फ टॉप पर नहीं, बल्कि उदाहरण बन चुके हैं।”
स्वच्छता में इंदौर का ट्रैक रिकॉर्ड
| वर्ष | रैंक |
|---|---|
| 2017 | 1st |
| 2018 | 1st |
| 2019 | 1st |
| 2020 | 1st |
| 2021 | 1st |
| 2022 | 1st |
| 2023 | 1st |
| 2024 | 1st |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं,
“जब देश के दूसरे शहर कुछ करने का सोचते हैं, तब तक इंदौर कर चुका होता है।”
इंदौर बना देश के लिए स्वच्छता का मॉडल
इंदौर का जनभागीदारी मॉडल, नवाचार, और बेहतर प्रशासन इसे देशभर के लिए प्रेरणा स्रोत बनाते हैं।
अब इंदौर स्वच्छता के क्षेत्र में गुरु की भूमिका में रहेगा और अन्य शहरों को प्रशिक्षित करेगा।
शहरवासियों ने देखी गौरवशाली घड़ी
- कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नगर निगम मुख्यालय पर किया गया।
- बड़ी स्क्रीन पर लोगों ने देखा कि उनका शहर फिर बना नंबर 1
अन्य शहरों की उपलब्धियां
प्रेसिडेंशियल अवार्ड विजेता:
- भोपाल
- देवास
- शाहगंज
मिनिस्ट्रियल अवार्ड विजेता:
- जबलपुर (स्पेशल कैटेगरी)
- ग्वालियर (स्टेट लेवल)
सुपर स्वच्छ लीग में विजेता शहर (आबादी के अनुसार)
| आबादी श्रेणी | विजेता शहर |
|---|---|
| 10 लाख से अधिक | इंदौर |
| 3 लाख से 10 लाख | उज्जैन |
| 20 हजार से कम | बुधनी |
नई कैटेगरी आधारित रैंकिंग सिस्टम
इस बार पहली बार शहरों को 5 नई कैटेगरी में बांटा गया:
- बहुत छोटे शहर (आबादी 20,000 से कम) — जैसे पाटन, पंचगनी
- छोटे शहर (आबादी 20,000–50,000) — जैसे वीटा, ससवड
- मध्यम शहर (आबादी 50,000–3 लाख) — जैसे तिरुपति, एनडीएमसी
- बड़े शहर (आबादी 3–10 लाख) — जैसे नोएडा, चंडीगढ़
- मिलियन-प्लस शहर (आबादी 10 लाख से अधिक) — जैसे इंदौर, सूरत
इंदौर की लगातार जीत यह साबित करती है कि जब जनता, प्रशासन और नेतृत्व एक साथ काम करते हैं, तो परिणाम विश्वस्तरीय हो सकते हैं। इंदौर अब सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि स्वच्छता का ब्रांड बन चुका है।





