इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और कई अन्य शहरों में सांसदों के महंगे भत्तों के खिलाफ चल रहा प्रदर्शन अब हिंसक हो गया है। भीड़ ने कई नेताओं के घरों पर धावा बोला और तोड़फोड़ की। स्थिति बिगड़ने के चलते राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो को अपना चीन दौरा रद्द करना पड़ा।
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क्यों भड़की हिंसा?
- हाल ही में खुलासा हुआ था कि इंडोनेशिया के 580 सांसदों को वेतन के अलावा हर महीने करीब 50 लाख रुपिया (3,075 डॉलर) मकान भत्ता मिल रहा है।
- यह राशि राजधानी के न्यूनतम वेतन से 10 गुना ज्यादा है।
- महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रही जनता ने इसे अन्यायपूर्ण बताया और सड़कों पर उतर आई।
वित्त मंत्री का घर लूटा
दक्षिण तंगेरांग में प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री मुलयानी इंद्रावती के घर पर हमला किया।
- भीड़ ने एंट्री गेट तोड़कर अंदर घुसकर लूटपाट की।
- घर की सुरक्षा में तैनात सैनिकों पर भी हमला हुआ।
- कीमती सामान और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चोरी किए गए।
अन्य नेताओं के घर भी बने निशाना
वित्त मंत्री के अलावा कई सांसदों और नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया गया:
- नाफा उरबाक (नास्देम सांसद और पूर्व अभिनेत्री) – घर पर हमला और लूटपाट।
- उया कुया (पूर्व टीवी होस्ट) – पूर्वी जकार्ता स्थित घर में सैकड़ों लोगों ने तोड़फोड़ की।
- एको पैट्रियो (विधायक) – दक्षिण जकार्ता स्थित घर से कपड़े, रेफ्रिजरेटर और गैस सिलेंडर तक लूटे गए।
इन घटनाओं से साफ है कि प्रदर्शनकारियों का गुस्सा केवल संसद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि नेताओं की निजी संपत्ति भी निशाने पर आ गई।
डिलीवरी राइडर की मौत बनी टर्निंग प्वाइंट
29 अगस्त को जकार्ता में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की एक बख्तरबंद गाड़ी से डिलीवरी राइडर की मौत हो गई।
- इस घटना के बाद आंदोलन और भड़क उठा।
- सुराबाया, योग्याकर्ता, मेदान, मकास्सर, मनाडो, बांडुंग और पापुआ में भी प्रदर्शन फैल गए।
- लोगों ने जगह-जगह ट्रैफिक सिग्नल तोड़े, सड़कों को ब्लॉक किया और यातायात घंटों ठप कर दिया।
राजनीतिक अस्थिरता
लगातार बढ़ती हिंसा और लूटपाट ने इंडोनेशिया की राजनीति को हिला दिया है।
- जनता महंगाई और बेरोजगारी से पहले ही परेशान थी।
- सांसदों को मिले विशेष भत्ते आग में घी का काम कर गए।
- राष्ट्रपति को अपने चीन दौरे की रद्दीकरण की घोषणा करनी पड़ी, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ गई।