भारत की टूरिज्म इंडस्ट्री में 2025 की शुरुआत में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां बांग्लादेश से आने वाले पर्यटकों की संख्या में तेज गिरावट आई है, वहीं चीन से भारत आने वाले टूरिस्टों का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि इस बदलाव के पीछे राजनीतिक तनाव, वीजा रोक और अंतरराष्ट्रीय हालात की अहम भूमिका रही है।
बांग्लादेश में राजनीतिक संकट का असर
पिछले साल बांग्लादेश में हुए राजनीतिक उथल-पुथल ने भारत-बांग्लादेश संबंधों पर सीधा असर डाला।
- छात्रों के व्यापक विरोध-प्रदर्शन और शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी बढ़ी।
- 5 अगस्त को भारतीय दूतावास ने बांग्लादेश में वीजा जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी।
- इस वजह से न केवल पर्यटकों बल्कि मेडिकल वीजा पर आने वाले मरीजों की संख्या भी घटी।
भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों के आंकड़े
सरकारी फॉरेन टूरिस्ट अराइवल (FTA) डाटा के अनुसार –
- 2022: 64.37 लाख
- 2023: 95.21 लाख
- 2024: 99.52 लाख
- 2025 (जनवरी-अप्रैल): 32.41 लाख
इन चार महीनों में ही पर्यटकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
बांग्लादेशी पर्यटकों में बड़ी गिरावट
बांग्लादेश से आने वाले टूरिस्टों के आंकड़े चौंकाने वाले हैं –
- 2022: 12,77,557
- 2023: 21,19,826
- 2024: 17,50,165
- 2025 (जनवरी-अप्रैल): केवल 1,33,363
स्पष्ट है कि राजनीतिक हालात और वीजा रोक ने टूरिज्म को बुरी तरह प्रभावित किया है।
चीन से भारत आने वाले टूरिस्टों में इजाफा
बांग्लादेश के उलट, चीन से भारत आने वाले यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है –
- 2022: 11,762
- 2023: 30,585
- 2024: 38,960
- 2025 (जनवरी-अप्रैल): 14,703
यह वृद्धि भारत में चीन के प्रति बढ़ती टूरिस्ट रुचि और बेहतर कनेक्टिविटी का संकेत देती है।
टॉप 5 देश जिनसे सबसे ज्यादा पर्यटक आए (जनवरी–अप्रैल 2025)
- अमेरिका – 6,03,841
- बांग्लादेश – 1,33,363
- यूनाइटेड किंगडम – 4,15,056
- ऑस्ट्रेलिया – 1,77,636
- कनाडा – 2,13,699
क्यों बदल रही है टूरिज्म ट्रेंड की तस्वीर?
- राजनीतिक तनाव: बांग्लादेश में अस्थिर हालात
- वीजा रोक: अगस्त 2025 में अस्थायी वीजा निलंबन
- अंतरराष्ट्रीय रिश्ते: द्विपक्षीय संबंधों में तनाव
- कोविड-19 का प्रभाव: अभी भी कुछ देशों में यात्रा प्रतिबंध और सावधानियां
भारत की टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ोसी देशों के राजनीतिक और राजनयिक हालात का सीधा असर पड़ता है। जहां बांग्लादेशी पर्यटकों की संख्या में तेज गिरावट चिंता का विषय है, वहीं चीन और अमेरिका से आने वाले यात्रियों की बढ़ती संख्या नए अवसर भी लेकर आ रही है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत-बांग्लादेश के रिश्ते सुधरते हैं और टूरिज्म सेक्टर फिर से पटरी पर आता है।





