BY: Yoganand Shrivastva
सुप्रीम कोर्ट आज गुरुवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई अब मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ द्वारा की जाएगी।
यह मामला देश भर में बहस और विवाद का विषय बना हुआ है, खासकर वक्फ संपत्तियों की पहचान, उपयोग और प्रबंधन को लेकर। आइए जानें, क्या है पूरा मामला और आज की सुनवाई क्यों है महत्वपूर्ण।
क्या है वक्फ संशोधन अधिनियम 2025?
वक्फ अधिनियम 1995 में हाल ही में किए गए संशोधनों के चलते वक्फ बोर्ड को संपत्तियों के संबंध में अधिक शक्तियाँ मिली हैं। इससे कई याचिकाकर्ताओं ने आशंका जताई है कि:
- वक्फ संपत्तियों की गैर-पारदर्शी अधिसूचना हो सकती है।
- आम नागरिकों की भूमि और संपत्ति पर दावा किया जा सकता है।
- “वक्फ बाय यूजर” जैसे प्रावधान, बिना पर्याप्त सबूत के संपत्ति को वक्फ घोषित करने का रास्ता खोल सकते हैं।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की पिछली सुनवाई 17 अप्रैल 2025 को की थी।
- उस समय अदालत ने केंद्र सरकार का यह आश्वासन रिकॉर्ड किया था कि: केंद्र सरकार 05 मई तक:
- “वक्फ बाय यूजर” के अंतर्गत कोई नई संपत्ति अधिसूचित नहीं करेगी।
- केंद्रीय वक्फ परिषद या राज्य वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति नहीं करेगी।
नई पीठ की जिम्मेदारी क्यों बनी?
इससे पहले इन याचिकाओं की सुनवाई पूर्व CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही थी। लेकिन:
- न्यायमूर्ति खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो गए,
- जिसके कारण एक नई पीठ का गठन किया गया है।
अब यह मामला CJI बीआर गवई और जस्टिस मसीह की डिवीजन बेंच के सामने है।





