BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल :क्राइम ब्रांच ने टीकमगढ़ जिले के जतारा के पास रामगढ़ इलाके में चल रही अवैध हथियार निर्माण फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। यह फैक्ट्री आनंदी विश्वकर्मा अपने दो बेटों और नाबालिग पोते के साथ मिलकर चला रहा था। फैक्ट्री आबादी से दूर एक वेयरहाउस में बनाई गई थी, जहां से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हथियारों की सप्लाई की जाती थी। पुलिस ने मौके से हथियार बनाने के उपकरण, देसी पिस्टल और कई अधूरे हथियार बरामद किए हैं।
भोपाल से मिली सुराग ने खोला राज
क्राइम ब्रांच को हथियार कारोबार का सुराग भोपाल के निशातपुरा इलाके से मिला, जहां वाहन चोरी और हथियार सप्लाई के आरोप में तीन संदिग्ध पकड़े गए थे। इनसे पूछताछ के दौरान मुख्तार खान का नाम सामने आया। मुख्तार से पूछताछ में पता चला कि वह हथियार सुरेंद्र विश्वकर्मा से खरीदता था, जिसने टीकमगढ़ में फैक्ट्री स्थापित कर रखी थी।
खेती के औजारों के नाम पर हथियारों का धंधा
आनंदी विश्वकर्मा लगभग 40 साल से लेथ मशीन पर ट्रॉली और कृषि उपकरण बनाने के बहाने हथियार भी बनाता था। उसने हथियार बनाने की तकनीक राजस्थान के फुलेरा में अपने रिश्तेदार से सीखी थी। बाद में उसने अपने पूरे परिवार को इस अवैध धंधे में शामिल कर लिया।
जेल से छूटते ही फिर शुरू किया कारोबार
सुरेंद्र विश्वकर्मा पहले लूट के मामले में सात साल की सजा काट चुका है। जनवरी 2025 में जेल से बाहर आने के बाद उसने फिर से हथियार बनाने का काम शुरू कर दिया। फैक्ट्री में लेथ मशीन, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीन, मिलिंग मशीन, ब्लेंडर मोटर और हथियारों के कई पार्ट्स जैसे बैरल, ट्रिगर, स्लाइडर और मैगजीन बनाए जा रहे थे।
फैक्ट्री की साजिश और सप्लाई नेटवर्क
आनंदी और सुरेंद्र ने मिलकर बड़े निवेश के साथ आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करके फैक्ट्री तैयार की थी। शुरुआत में बाहर से कलपुर्जे मंगाए जाते थे, लेकिन बाद में स्थानीय स्तर पर ही सभी पार्ट्स बनने लगे। हथियार थोक में ग्राहकों को बेचे जाते थे और इसके लिए सात एजेंटों का नेटवर्क तैयार किया गया था।
पुलिस की कार्रवाई में बरामदगी
छापे के दौरान पुलिस ने तीन तैयार देसी पिस्टल, तीन अधूरी पिस्टल, हथियार बनाने की मशीनें और बड़ी मात्रा में कलपुर्जे जब्त किए हैं। मामले में मुख्तार खान, सुरेंद्र विश्वकर्मा, सैफ अली उर्फ रिंकू, मुमताज अली और आनंदी विश्वकर्मा गिरफ्तार किए गए हैं, जबकि नरेंद्र प्रताप सिंह परमार फरार है।
मुख्य बिंदु:
- फैक्ट्री आबादी से दूर वेयरहाउस में चलाई जा रही थी।
- हथियारों की सप्लाई एमपी, यूपी और अन्य राज्यों तक की जा रही थी।
- आरोपी परिवार पिछले कई सालों से इस अवैध धंधे में लिप्त था।
- छापे में आधुनिक मशीनें और बड़ी संख्या में हथियारों के पार्ट्स बरामद।





