जनहित याचिका पर जवाब न देने पर हाईकोर्ट की सख्ती
जबलपुर: हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने कई अवसर देने के बावजूद जवाब पेश न किए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ राज्य शासन पर 30 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। मामला नर्मदा बचाओ आंदोलन की जनहित याचिका से संबंधित है। कोर्ट ने 15 हजार रुपये नर्मदा बचाओ आंदोलन व 15 हजार रुपये हाई कोर्ट विधिक सेवा समिति के कोष में जमा करने के निर्देश दिए हैं। जनहित याचिका पर अंतिम सुनवाई 17 फरवरी को नियत की गई है सरकार मुआवजे से बचने नहीं दे रही जवाब
नर्मदा आंदोलन की ओर से अधिवक्ता श्रेयस पंडित ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि कई बार अवसर दिए जाने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा जानबूझ कर जवाब नहीं प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि उन्हें ग्रामीणों को कम मुआवजा देना पड़ा इस प्रकार गरीब ग्रामीणों आदिवासियों का बहुत नुकसान हो रहा है। यदि सरकार जवाब नहीं दे रही है तो राज्य में सम्पूर्ण भू-अर्जन पर रोक लगा दी जाए। इस पर सरकार की ओर से एक और अंतिम अवसर मांगने पर हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार का जवाब तभी स्वीकार होगा जब वह जनहित याचिकाकर्ता नर्मदा बचाओ आन्दोलन को 15 हजार रूपये और हाई कोर्ट विधि सेवा समिति को 15 हजार रूपये दो सप्ताह में भुगतान करे
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