उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इन दिनों अपराधों का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। अब एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। चिनहट के कंचनपुर मटियारी निवासी युवक ने साजिश के तहत शादी की। फिर पत्नी के नाम पर चार कार समेत छह वाहन फाइनेंस करवाए। 10 लाख का मुद्रा लोन लिया और पत्नी का 50 लाख रुपये का इंश्योरेंस भी कराया। फिर बीमा की रकम हड़पने और फाइनेंस कराए वाहनों के लोन से छुटकारा पाने के लिए अपने पिता और चार साथियों के साथ मिलकर पत्नी को कार से कुचलवा दिया।
अब 1 साल बाद चिनहट पुलिस ने आरोपियों की साजिश का पर्दाफाश कर मंगलवार को तीन को गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपी जेल भेजे गए। महिला का पति, ससुर और एक अन्य आरोपी प्रतापगढ़ का अभिषेक शुक्ला भागा हुआ है। डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि 20 मई 2023 को मटियारी के राधापुरम में पूजा यादव (28) की हादसे में मौत की पुलिस को सूचना मिली। इंदिरानगर सेक्टर 12 निवासी कार चालक दीपक वर्मा को मौके से पकड़ा गया था।
मामले में इंदिरानगर सेक्टर 12 के दीपक वर्मा (मूल पता- सूरजगंज मोहम्मदपुर खाला, बाराबंकी), डालीगंज निवासी अधिवक्ता आलोक निगम और रियल एस्टेट का काम करने वाले राधापुरम कॉलोनी चिनहट के कुलदीप सिंह (मूल पता-बसौली मोहम्मदपुर खाला, बाराबंकी) को गिरफ्तार किया गया है। महिला के परिजन और ससुराली दोनों पेशे से मजदूर हैं।
सालभर पहले रची साजिश
वर्ष 2021 से वारदात की साजिश रची गई, जिसमें आरोपी कुलदीप की बड़ी भूमिका रही। योजना के तहत अप्रैल 2022 में अभिषेक की अयोध्या निवासी पूजा से शादी कराई गई। पूजा की यह दूसरी शादी थी। कुलदीप ने सारे फर्जी दस्तावेज तैयार किए। आईटीआर भरा। शादी के कुछ ही महीने के अंदर पूजा के नाम पर बड़ा इंश्योरेंस कराया गया। चार कारें और दो बाइक फाइनेंस कराईं। दस लाख रुपये का मुद्रा लोन भी ले लिया गया। साजिश में अधिवक्ता भी शामिल था, इसलिए शातिर तरीके से वारदात को अंजाम दिया गया।
कुलचने वाला अभी गिरफ्त से दूर
एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने बताया कि उस दौरान दर्ज किए गए केस में बताया गया था कि जिस कार से हादसा हुआ वह दीपक चला रहा था। हालांकि, जांच में सामने आया है कि आरोपी अभिषेक शुक्ला ने पूजा को कार से रौंदा था। वारदात के दिन पूजा दवा लेने के लिए जा रही थी। उसके पति और ससुर को इसका पता था। साजिश के तहत अन्य लोगों को जानकारी दी। अभिषेक कार लेकर पहले से खड़ा था। पूजा ससुर के साथ जा रही थी। ससुर की आंखों के सामने ही अभिषक ने उसे कार से रौंद दिया।
इसलिए भी बीमा कंपनी को हुआ था शक
पुलिस के मुताबिक बीमा कंपनी ने जब पूजा और उसके पति अभिषेक परिवार की आर्थिक स्थिति देखी तो भी शक हुआ था। सभी मजदूरी करते थे। ऐसे में उन पर मुद्रा लोन, छह गाड़ियों का फाइनेंस होना सवाल खड़ा कर रहा था। इसको भी अपनी जांच रिपोर्ट में बीमा कंपनी के अफसरों ने प्रमुखता से दर्ज किया था।
बैंक खाते चला रहा था कुलदीप
इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी कुलदीप ने ही वर्ष 2021 में राम मिलन को ऐसी वारदात करने के बारे में बताया था। तब राम मिलन ने बेटे से बात की। वह भी राजी हो गया। उन्होंने अयोध्या की पूजा को शादी के लिए खोजा। जब पूजा से शादी तय हो गई तब कुलदीप अपने स्तर से ही उसके सारे जाली डॉक्यूमेंट्स बनाए। आईटीआर भरने लगा। यहां तक कि जो बैंक खाते पूजा के नाम पर थे उनको वह खुद ही ऑपरेट करता था।
करीब 20 लाख रुपये हड़प चुके थे
पुलिस की जांच में सामने आया कि पूजा के नाम पर कई छोटे बीमा भी थे। घटना के बाद इनके क्लेम के करीब 20 लाख रुपये आरोपियों ने हासिल कर आपस में बांट लिए। बड़ी रकम वाला बीमा क्लेम लेने की कोशिश की तो जांच में खुलासा हो गया।