BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर, मध्य प्रदेश: ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद एक गैंगस्टर ने जेल के भीतर ही एक फर्जी गोलीकांड की साजिश रच डाली। आरोपी सचिन फागुना ने अपनी रिहाई के तुरंत बाद इस योजना को जमीन पर उतारने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की जांच में हुई तीन अहम चूकों से उसकी चालाकी बेनकाब हो गई।
जेल में बैठकर रची स्क्रिप्ट
हत्या की कोशिश के एक मामले में बंद बदमाश सचिन फागुना ने सेंट्रल जेल में रहते हुए ही पूरी साजिश की योजना तैयार की थी। जेल में रहते हुए उसने अपने सहयोगियों को भी तैयार कर लिया और जमानत पर रिहा होते ही उसने 26 जून की रात उटीला थाना क्षेत्र में इसे अंजाम देने का प्रयास किया।
सूचना और शुरुआती दावा
रात करीब 11:30 बजे पुलिस को कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि सौंसा रोड पर एक युवक को गोली मारी गई है। सूचना देने वाला खुद कथित घायल युवक बृजेश परिहार था, जिसे तत्काल अस्पताल भेजा गया।
बृजेश ने अपने बयान में बताया कि दीपू जाटव, भारत उर्फ करुआ, विनोद और लखन सहित कुछ अन्य लोगों ने उस पर हमला किया। पुलिस ने इस पर तत्काल एक्शन लिया और जांच शुरू की।
पुलिस जांच में खुली फर्जीवाड़े की परतें
जैसे ही पुलिस ने गहराई से जांच शुरू की, कुछ अहम सुराग सामने आए:
- मोबाइल लोकेशन:
कथित घायल बृजेश और आरोपी सचिन फागुना दोनों की मोबाइल लोकेशन वारदात के वक्त एक ही स्थान पर मिली। - कॉल डिटेल्स:
घटना से पहले और बाद में दोनों के बीच बातचीत हुई थी, जो साजिश की ओर इशारा करती है। - मेडिकल रिपोर्ट:
डॉक्टरों की रिपोर्ट में घायल की स्थिति और चोटें संदिग्ध पाई गईं। गोली लगने की पुष्टि नहीं हो सकी।
इन तीन अहम बिंदुओं ने पूरे मामले की दिशा बदल दी। पुलिस ने बृजेश और वारदात के गवाह को अब साजिशकर्ता मानते हुए आरोपी बना लिया है। वहीं, सचिन फागुना की तलाश जारी है और उसकी जमानत निरस्त कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
पुलिस अब क्या कर रही है?
- मुख्य आरोपी सचिन फागुना की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।
- साजिश रचने वाले सभी लोगों की कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन का बारीकी से विश्लेषण किया जा रहा है।
- घटना को ‘फर्जी गोलीकांड’ मानते हुए अब इसे धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के तहत दोबारा जांचा जा रहा है।