उज्जैन-नागदा से बैंक मैनेजर व महिला कैशियर समेत 6 गिरफ्तार
ग्वालियर, मध्य प्रदेश — शहर में हुए एक हाई-प्रोफाइल साइबर ठगी मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। डिजिटल अरेस्ट कर रामकृष्ण मिशन संस्था के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद से 2 करोड़ 52 लाख रुपए की ठगी करने वाली गैंग के तार देश के आठ राज्यों से जुड़े हैं। इस मामले में SIT की टीम ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए उज्जैन बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर, एक महिला कैशियर और नागदा से चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि तीन महीनों में करीब 3 करोड़ रुपए की रकम ठगों तक पहुंचाई गई है। ये आरोपी गरीब लोगों के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाते थे और इन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर की जाती थी। बदले में एजेंटों को प्रति खाता 5 हजार रुपए कमीशन दिया जाता था।
ठगी का पैसा इस तरह किया गया ट्रांसफर
साइबर ठगों ने सुप्रदिप्तानंद को मनी लॉन्ड्रिंग केस का हवाला देकर 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और धीरे-धीरे 2 करोड़ 52 लाख रुपए हड़प लिए। इनमें से 1 करोड़ 30 लाख रुपए इलाहाबाद स्थित इंडसइंड बैंक के एक खाते में, और 10 लाख उज्जैन की बंधन बैंक में ट्रांसफर किए गए।
बैंक कर्मचारी थे शामिल
बंधन बैंक के उज्जैन और नागदा ब्रांच के कर्मचारी ना केवल फर्जी खाते खोलने में मदद करते थे, बल्कि पुलिस कार्रवाई की सूचना भी ठगों तक पहुंचाते थे। SIT की जांच में ये भी सामने आया है कि रतलाम शाखा भी संदेह के घेरे में है।
मास्टरमाइंड की तलाश जारी
इस पूरे साइबर फ्रॉड का मास्टरमाइंड उदय राज बताया जा रहा है, जो ठगी की रकम को US डॉलर और USDT (क्रिप्टो करेंसी) के माध्यम से विदेशी खातों में भेजता है। SIT की दो टीमें इलाहाबाद में डेरा डाले हुए हैं और उदय राज की तलाश में जुटी हैं।
50 से अधिक बैंक खातों की जांच जारी
फिलहाल इस ठगी मामले में 50 से ज्यादा बैंक अकाउंट जांच के दायरे में हैं, और SIT को उम्मीद है कि मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी के बाद देशभर में हो रही साइबर ठगी के नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सकता है।
यह मामला साफ तौर पर दर्शाता है कि कैसे बैंकिंग तंत्र में सेंध लगाकर हाईटेक अपराधी आम जनता और संस्थाओं को निशाना बना रहे हैं, और इसमें कई बैंक कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है।