BY: Vijay Nandan
दिल्ली: भारत में त्योहारी सीज़न और शादियों के समय सोने की मांग हमेशा अधिक रहती है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में गोल्ड की कीमतों में तेजी ने निवेशकों और खरीदारों को दोनों को प्रभावित किया है। जिन्होंने पहले सोने या ज्वैलरी में निवेश किया, वे अब इसका लाभ देख रहे हैं, वहीं जो नहीं खरीद पाए, वे सोच रहे हैं कि अभी निवेश करना सही रहेगा या नहीं। हालांकि सवाल यही है कि क्या यह सिर्फ फिजिकल गोल्ड की मांग है, या डिजिटल निवेश विकल्प, जैसे गोल्ड ईटीएफ़, में भी लोगों की रुचि बढ़ रही है।
इस साल सोना और चांदी दोनों खूब रिटर्न दे रहे हैं। मंगलवार 14 अक्टूबर को सोना और चांदी एक फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ नए शिखर पर पहुंच गए। एमसीएक्स पर सुबह 10 ग्राम सोने का वायदा 1,26,299 रुपये और प्रति किलोग्राम चांदी 1,60,000 रुपये पर कारोबार कर रही थी। लेकिन दिन भर बिकवाली बढ़ने के कारण सोना शाम को 1,30, 345 रु. पहुंच गया। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक घरेलू चांदी की कीमतों में 53% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं सोने की कीमतों में लगभग 49% की बढ़ोतरी हुई है। यानी इस साल सोने के मुकाबले चांदी की रिटर्न जबरदस्त रही है।

गोल्ड ईटीएफ़, डिजिटल सोने का विकल्प
गोल्ड ईटीएफ़ डिजिटल सोने के रूप में देखा जा सकता है। यह म्यूचुअल फंड की तरह काम करता है और 99.5% शुद्ध सोने की कीमत को ट्रैक करता है। हर यूनिट लगभग एक ग्राम सोने के बराबर होती है। इसे स्टॉक मार्केट में खरीदा और बेचा जा सकता है। निवेश के लिए डीमैट अकाउंट आवश्यक है। शेयर बाज़ार के कारोबार के दौरान कभी भी यूनिट खरीदी या बेची जा सकती है। अगर डीमैट अकाउंट नहीं है, तो गोल्ड म्यूचुअल फंड भी एक आसान विकल्प है।

गोल्ड ईटीएफ़ में रिकॉर्ड निवेश
विश्व स्तर पर लोग ईटीएफ़ के जरिए सोने में निवेश कर रहे हैं। जुलाई-सितंबर 2025 की तिमाही में गोल्ड ईटीएफ़ में करीब 26 अरब डॉलर का निवेश हुआ।
अमेरिका: 16 अरब डॉलर
यूरोप: 8 अरब डॉलर
भारत: 902 मिलियन डॉलर (लगभग 8,000 करोड़ रुपए)
चीन: 602 मिलियन डॉलर
जापान: 415 मिलियन डॉलर
पूरे विश्व में गोल्ड ईटीएफ़ का आकार अब 472 अरब डॉलर हो गया है, जो पिछले तिमाही के मुकाबले 23% अधिक है।

क्यों बढ़ रही है सोने की चमक?
सोने में निवेश बढ़ने के कई कारण हैं, अर्थव्यवस्था और ग्लोबल टेंशन, ट्रंप की टैरिफ़ पॉलिसी, रूस-यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व की स्थितियों ने निवेशकों को गोल्ड की ओर आकर्षित किया। डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी शटडाउन, शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ी, इसलिए लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोने को चुन रहे हैं। सेंट्रल बैंकों की खरीद, अगस्त 2025 में सेंट्रल बैंकों ने 15 टन सोना खरीदा। कजाक़िस्तान, बुल्गारिया, अल साल्वाडोर के अलावा भारत, चीन और क़तर ने भी अपने गोल्ड रिज़र्व बढ़ाए। वर्तमान में भारत के पास 876 टन गोल्ड रिज़र्व है, जो दुनिया में सातवें स्थान पर आता है।
क्या सोना निवेशकों को धोखा देगा?
इतिहास में पिछले 20 सालों में सिर्फ चार सालों में सोने की कीमतें गिरीं
2013: -4.5%
2014: -7.9%
2015: -6.65%
2021: -4.21%
हालांकि, यह गिरावट मामूली रही और निवेशकों को बहुत बड़ा नुकसान नहीं हुआ। भविष्य में सोने की कीमतें, विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 के मध्य तक गोल्ड की कीमतों में लगभग 6% और बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल है। फिलहाल, बढ़ती गोल्ड ईटीएफ़ की मांग और सुरक्षित निवेश के रूप में सोने में लोगों का विश्वास बढ़ता ही जा रहा है।