रिपोर्टरः मुकेश प्रजापति, अपडेटः योगानंद श्रीवास्तव
खनियांधाना थाना क्षेत्र के बामौरकलां में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब बड़ी बामौर रोड स्थित शिनावल टोरिया चक जनकपुर में खेतों में नरवाई जलाने से भीषण आग भड़क उठी। आग की लपटें इतनी तेजी से फैलीं कि आसपास के कई खेत इसकी चपेट में आ गए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब आग नजदीक ही बने एक मंदिर तक पहुंच गई, जिससे मंदिर परिसर और वहां लगे पेड़-पौधों को भारी नुकसान हुआ।
स्थानीय लोगों ने सूझबूझ दिखाते हुए तुरंत दमकल विभाग को सूचना दी। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सौभाग्यवश किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन अगर समय पर प्रयास न किए जाते, तो भारी जान-माल की क्षति हो सकती थी।
इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और केवल कागज़ी चेतावनियों की पोल खोल दी है। शिवपुरी के कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने पहले ही किसानों से अपील की थी कि वे खेतों में नरवाई न जलाएं, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके बावजूद क्षेत्र में न तो निगरानी की कोई व्यवस्था की गई और न ही रोकथाम के कोई ठोस उपाय अपनाए गए।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन केवल बयानबाज़ी करता है, लेकिन ज़मीनी स्तर पर न तो कोई सख्त कदम उठाए जाते हैं और न ही जनजागरूकता के प्रयास किए जाते हैं। इस प्रकार की घटनाएं न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रही हैं।
अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस गंभीर घटना को कितनी गंभीरता से लेता है और दोषियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं।
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