BY: Yoganand Shrivastva
उत्तर प्रदेश: फतेहपुर ज़िले के आबूनगर इलाके में सोमवार को एक धार्मिक स्थल पर भगवा झंडा लगाने को लेकर बवाल हो गया। यह स्थान ईदगाह परिसर में स्थित 200 साल पुराना नवाब अब्दुल समद का मकबरा बताया जाता है।
सुबह करीब 10 बजे हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और दावा किया कि यह मकबरा नहीं बल्कि ठाकुर जी का प्राचीन मंदिर है। कार्यकर्ताओं ने पुलिस की मौजूदगी में तोड़फोड़ की और फिर कुछ युवकों ने छत पर चढ़कर भगवा झंडा फहरा दिया।
तनाव और पत्थरबाजी
मकबरे पर झंडा लगते ही मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज़ हो गए और देखते-ही-देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई। स्थिति बिगड़ने पर थाना सदर कोतवाली समेत आसपास के कई थानों की पुलिस, डीएसपी गौरव शर्मा, एएसपी महेंद्र पाल सिंह और एडीएम अवनीश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को हटाया।
सड़क जाम और हनुमान चालीसा का पाठ
मकबरे से हटाए जाने के बाद हिंदू संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ता लगभग 500 मीटर दूर डाक बंगला चौराहे पर बैठ गए। उन्होंने सड़क जाम कर दी और हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया।
पृष्ठभूमि
चार दिन पहले ‘मठ मंदिर संघर्ष समिति’ ने डीएम को ज्ञापन देकर दावा किया था कि ईदगाह परिसर में स्थित यह स्थल असल में मंदिर है, जिसे वर्षों पहले मकबरे में बदल दिया गया। समिति ने 11 अगस्त को वहां सफाई और जन्माष्टमी मनाने का ऐलान किया था। इसी को लेकर रविवार को ही डीएम और एसपी ने स्थल का निरीक्षण किया था और सोमवार सुबह से वहां पुलिस बल तैनात किया गया था।
स्थिति नियंत्रण में, पुलिस सतर्क
बवाल बढ़ने पर बांदा और कौशांबी से अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लोग मकबरे पर चढ़कर झंडा लगाते और पत्थरबाजी के दौरान भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल, क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात है और स्थिति पर नज़र रखी जा रही है।





