यूट्यूबर एल्विश यादव ने शेयर की दर्दभरी यादें
बिग बॉस OTT 2 के विजेता और प्रसिद्ध यूट्यूबर एल्विश यादव ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ा एक दर्दनाक किस्सा शेयर किया। उन्होंने बताया कि इस हमले में शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल उनकी कॉलेज की दोस्त थीं। दोनों ने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से स्नातक किया था।
एल्विश ने अपने व्लॉग में बताया, “मैंने जब हिमांशी का वीडियो देखा, तो पहचान नहीं पाया। लेकिन जब ध्यान से देखा, तो याद आया कि ये तो मेरी कॉलेज फ्रेंड है!” उन्होंने बताया कि 2018 में ग्रेजुएशन के बाद दोनों का संपर्क टूट गया था, लेकिन कॉलेज के दिनों में वे अक्सर दिल्ली-गुड़गांव में मेट्रो से साथ घूमते थे।
“आतंकियों ने पूछा- क्या तुम हिंदू हो?”
एल्विश ने बताया कि हिमांशी से सीधे बात करने की हिम्मत नहीं हुई, लेकिन उन्होंने एक म्यूचुअल फ्रेंड से संपर्क किया। इस दोस्त ने हिमांशी को 31 बार फोन किया, तब जाकर उन्होंने कॉल उठाई। हिमांशी ने बताया कि आतंकियों ने उनके पति से धर्म पूछा था। जब विनय ने कहा कि वे हिंदू हैं, तो उन्हें गोली मार दी गई।
इस हमले में 26 लोगों (ज्यादातर पर्यटक, जिनमें 2 विदेशी भी शामिल) की मौत हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने पहले लोगों का धर्म पूछा, फिर निशाना बनाया।

हनीमून के बजाय मौत की घाटी
विनय और हिमांशी की 16 अप्रैल को शादी हुई थी। वे स्विट्ज़रलैंड हनीमून पर जाना चाहते थे, लेकिन वीज़ा इश्यू के कारण कश्मीर चले गए। हिमांशी ने बताया, “हम बैसरन (पहलगाम) में बेलपुरी खा रहे थे, तभी एक आदमी ने पूछा- क्या तुम हिंदू हो? जब विनय ने ‘नहीं’ कहा, तो उसने गोली मार दी।”
विनय का अंतिम संस्कार करनाल, हरियाणा में हुआ, जहां सैकड़ों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
एल्विश का मैसेज: “हिम्मत नहीं हारनी चाहिए”
एल्विश ने अपने वीडियो में कहा, “ये हादसा किसी के साथ भी हो सकता था। हिमांशी और अन्य पीड़ित परिवारों के साथ मेरी प्रार्थनाएं हैं। हमें इस क्रूरता के आगे घुटने नहीं टेकने चाहिए।”
Swadesh News स्टाइल में विश्लेषण:
- आतंकवाद का सच: ये घटना दिखाती है कि आतंकी किसी धर्म या देश के नहीं होते, वे सिर्फ नफरत फैलाते हैं।
- मीडिया की भूमिका: एल्विश जैसे बड़े क्रिएटर्स ने इस मुद्दे को उठाकर दिखाया कि सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता के लिए भी है।
- सरकार और सुरक्षा: कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल उठना लाजमी है। क्या ये हमला रोका जा सकता था?
निष्कर्ष: इस त्रासदी ने देश को झकझोर दिया है, लेकिन हिमांशी जैसे लोगों का साहस हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जरूरत है कि हम आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।