BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, – कारोबारी और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा की कानूनी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम ज़मीन सौदे से जुड़े एक पुराने मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की है। वाड्रा के साथ-साथ इस केस में कई अन्य व्यक्तियों और कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है।
क्या है आरोप?
यह मामला वर्ष 2008 का है जब वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. ने हरियाणा के गुरुग्राम स्थित शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ ज़मीन करीब 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह जमीन बाद में लगभग 58 करोड़ रुपये में बिना परियोजना विकसित किए ही बेच दी गई।
लंबी पूछताछ और ईडी की कार्रवाई
इस मामले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने रॉबर्ट वाड्रा से 18 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। ईडी ने यह भी बताया कि हरियाणा के कुछ पूर्व कांग्रेस नेताओं से भी इस केस के सिलसिले में पूछताछ हुई थी।
प्राथमिकी और आरोपों का विवरण
1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR नंबर 288) में यह दावा किया गया कि वाड्रा ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से यह ज़मीन ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज नामक कंपनी से खरीदी थी। आरोप यह भी है कि उन्होंने अपना राजनीतिक रसूख इस्तेमाल करके उस जमीन के लिए कमर्शियल लाइसेंस हासिल किया।
संपत्ति कुर्क करने का आदेश
जांच के दौरान ईडी ने 16 जुलाई 2025 को एक अस्थायी कुर्की आदेश (Provisional Attachment Order) जारी किया। इसमें वाड्रा और उनकी कंपनियों की लगभग 43 अचल संपत्तियां, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 37.64 करोड़ रुपये बताई गई है, कुर्क की गई हैं।
चार्जशीट दाखिल
17 जुलाई 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस केस की चार्जशीट दाखिल की गई। इस चार्जशीट में कुल 11 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी, ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज, केवल सिंह विर्क और सत्यनंद याजी प्रमुख हैं।
कोर्ट की अगली कार्रवाई
हालांकि, फिलहाल कोर्ट ने इस चार्जशीट पर कानूनी संज्ञान (cognizance) नहीं लिया है। इसका मतलब यह है कि अदालत ने अभी यह तय नहीं किया है कि इस मामले में अभियोग चलाया जाएगा या नहीं।