दिल्ली सरकार ने अपने सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों, खासकर मोहल्ला क्लीनिक और अस्पतालों में मुफ्त मेडिकल लैब टेस्ट कराने के लिए दस्तावेज़ी प्रक्रिया में बदलाव किया है। ये नए नियम 20 मई 2025 को आधिकारिक रूप से लागू किए गए हैं। इन नियमों का मकसद टेस्ट कराने के लिए आधार आधारित सत्यापन प्रक्रिया को सरल बनाना और हर योग्य व्यक्ति को बिना किसी बाधा के लाभ पहुंचाना है।
मुफ्त मेडिकल टेस्ट के लिए नए दस्तावेज़ी नियम क्या हैं?
- आधार नंबर या आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य:
अब मुफ्त मेडिकल टेस्ट के लिए आधार नंबर देना या आधार प्रमाणीकरण कराना जरूरी होगा। - आधार नहीं होने पर क्या करें?
जिनके पास आधार नहीं है, उन्हें आधार बनाने के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के दौरान बच्चों के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी है। - पहचान के वैकल्पिक दस्तावेज़:
आधार न होने पर, व्यक्ति को आधार एनरोलमेंट स्लिप के साथ फोटो वाला बैंक पासबुक, पैन कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड या वोटर आईडी जैसी कोई भी वैध पहचान पत्र दिखानी होगी।
बच्चों के लिए विशेष प्रावधान
- जिन बच्चों के पास आधार नंबर नहीं है, उन्हें आधार एनरोलमेंट स्लिप के साथ जन्म प्रमाण पत्र या स्कूल आईडी कार्ड देना होगा।
- साथ ही, बच्चे और अभिभावक के रिश्ते का प्रमाण भी देना आवश्यक है, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, राशन कार्ड या परिवार के अन्य सरकारी दस्तावेज़।
आधार प्रमाणीकरण में दिक्कत हो तो क्या करें?
- यदि बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण नहीं हो पाता है, तो आईरिस स्कैन या फेस ऑथेंटिकेशन का विकल्प उपलब्ध होगा।
- इसके अलावा, आधार ओटीपी (OTP) या टाइम-बेस्ड OTP का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
- यदि ये विकल्प भी उपलब्ध न हों, तो फिजिकल आधार लेटर के क्यूआर कोड स्कैनर से सत्यापन किया जाएगा।
मुफ्त लैब टेस्ट का खर्च कौन उठाएगा?
दिल्ली सरकार के एनसीटी का समेकित कोष (Consolidated Fund) इन मेडिकल टेस्ट के खर्च को वहन करेगा। सरकारी अस्पतालों द्वारा ये टेस्ट प्राइवेट कंपनियों के माध्यम से कराए जाएंगे, ताकि सेवाओं की गुणवत्ता और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
इसका आपके लिए क्या मतलब है?
- सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सरलता:
अब आपको मुफ्त टेस्ट के लिए ज्यादा दस्तावेज़ या पेचीदा प्रक्रियाओं से गुजरना नहीं पड़ेगा। - हर नागरिक का लाभ सुनिश्चित:
आधार आधारित सत्यापन से अधिक लोग आसानी से मुफ्त मेडिकल टेस्ट का लाभ ले पाएंगे। - तकनीकी विकल्पों से सुविधा:
अगर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण में दिक्कत आती है, तो आपको अन्य विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे।
निष्कर्ष
दिल्ली सरकार की यह नई नीति स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। आधार आधारित दस्तावेज़ीकरण और प्रमाणीकरण के विकल्पों को बढ़ाकर यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी योग्य व्यक्ति मुफ्त मेडिकल टेस्ट से वंचित न रहे। इससे दिल्ली के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों की पहुंच और सेवा की गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।





