दिल्ली में एक बार फिर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है। उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के अशोक विहार और उत्तर दिल्ली के वजीरपुर इलाके में सोमवार को प्रशासन और पुलिस ने मिलकर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस दौरान 200 से ज्यादा मकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
कहां-कहां चला ध्वस्तीकरण अभियान?
1. अशोक विहार – जेलर वाला बाग
- स्थान: उत्तर-पश्चिमी दिल्ली
- कार्रवाई: STF (विशेष कार्य बल) की टीम ने बुलडोजर और खुदाई मशीनों के साथ अभियान चलाया।
- तोड़फोड़: सरकारी जमीन पर बने 200 से ज्यादा अवैध मकानों को गिराया गया।
- सुरक्षा: मौके पर 250 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए।
2. वजीरपुर – रेलवे लाइन के पास
- स्थान: उत्तर दिल्ली
- कार्रवाई: रेलवे लाइन के पास बने अवैध अतिक्रमण को हटाने का अभियान चलाया गया।
- सुरक्षा: दिल्ली पुलिस के साथ अर्धसैनिक बल की दो कंपनियां मौके पर मौजूद रहीं, ताकि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या न हो।
स्थानीय लोगों में गुस्सा, भारी पुलिस बल तैनात
अभियान के दौरान स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश देखा गया। कई परिवारों को बेघर होना पड़ा, जिसके चलते भावनात्मक माहौल बन गया। प्रशासन ने पहले से ही भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी थी, ताकि विरोध प्रदर्शन पर काबू पाया जा सके।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की प्रतिक्रिया
इस महीने यह दूसरा बड़ा ध्वस्तीकरण अभियान है। इससे पहले 2 जून को भी इसी तरह की कार्रवाई हुई थी। उस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा था:
“अगर रेलवे लाइन पर अतिक्रमण होता है और दुर्घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?”
सीएम के इस बयान से साफ है कि सरकार अवैध निर्माण को लेकर अब किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के मूड में नहीं है।
पहले भी हुए हैं ऐसे अभियान
दिल्ली में पिछले कुछ हफ्तों में कई अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाए गए हैं:
- दक्षिण-पूर्व दिल्ली: भूमिहीन कैंप और मद्रासी कैंप में भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई।
- कारण: सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा, सुरक्षा चिंताएं और बुनियादी ढांचे पर दबाव।
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दिल्ली में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ सरकारी एक्शन तेज हो चुका है। चाहे वह रेलवे लाइन के आसपास हो या सरकारी जमीन पर, प्रशासन अब कड़े कदम उठा रहा है। हालांकि इससे प्रभावित लोगों को राहत देने की कोई योजना सामने नहीं आई है, जिससे भविष्य में सामाजिक तनाव की स्थिति भी बन सकती है।