BY
Yoganand Shrivastava
Dehli news: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के आधिकारिक आवास एलीज़ी पैलेस से लाखों रुपये की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि यह चोरी किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि राष्ट्रपति भवन में कार्यरत कर्मचारियों ने ही अंजाम दी।
क्या है पूरा मामला
पिछले सप्ताह एलीज़ी पैलेस से चांदी के कीमती बर्तनों के गायब होने की जानकारी सामने आई। राष्ट्रपति भवन के मुख्य प्रबंधक ने जब इन्वेंटरी की जांच की, तो कई महंगे सामान लापता पाए गए। चोरी गए चांदी के बर्तनों की कीमत करीब 15 लाख से 42 लाख रुपये के बीच आंकी गई है।
कर्मचारियों पर गया शक
जांच के दौरान संदेह पैलेस के एक प्रबंधक पर गया, जिसका नाम थॉमस बताया जा रहा है। रिकॉर्ड खंगालने पर सामने आया कि वह पहले से ही चोरी की योजना बना रहा था। आगे की जांच में पता चला कि चोरी किया गया सामान ऑनलाइन नीलामी वेबसाइटों पर बेचने की कोशिश की जा रही थी।
ऑनलाइन बिक्री से खुला राज
जांच एजेंसियों को जानकारी मिली कि थॉमस ऑनलाइन बिक्री में विशेषज्ञ एक कंपनी के संपर्क में था। वह सेवरेस मैन्युफैक्चरिंग के बर्तन, ऐशट्रे और यहां तक कि ‘फ्रेंच एयर फोर्स’ लिखा हुआ एक विशेष नंबर प्लेट बेचने की कोशिश कर रहा था, जो आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होती।
छापेमारी में क्या मिला
पुलिस ने थॉमस के निजी लॉकर, कार और घर की तलाशी ली। यहां से करीब 100 वस्तुएं बरामद की गईं। इनमें तांबे के बर्तन, सेवरेस पोर्सिलेन, शैम्पेन के गिलास और अन्य कीमती सामान शामिल हैं। बाद में थॉमस के साथ दो अन्य कर्मचारियों को भी हिरासत में लिया गया।
आरोप और सजा का प्रावधान
तीनों आरोपियों पर राष्ट्रीय विरासत में शामिल चल संपत्ति की सामूहिक चोरी का आरोप लगाया गया है। यह गंभीर अपराध है, जिसमें 10 साल तक की जेल और करीब 1.5 लाख यूरो तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा चोरी का सामान रखने और बेचने की कोशिश के आरोप भी लगाए गए हैं।
कोर्ट की स्थिति
18 दिसंबर को आरोपियों को पहली बार अदालत में पेश किया गया। फिलहाल सुनवाई 26 फरवरी तक टाल दी गई है। कोर्ट ने तीनों को न्यायिक निगरानी में रखा है, एक-दूसरे से संपर्क करने पर रोक लगाई है और नीलामी स्थलों पर जाने पर भी प्रतिबंध लगाया है।





