क्रिकेट केवल एक खेल नहीं, बल्कि यह भावनाओं, जुनून और देशभक्ति का प्रतीक भी है। लेकिन जब खेल और खिलाड़ियों को आतंकवाद का सामना करना पड़ता है, तो यह केवल एक देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के खेल प्रेमियों के लिए गहरी चिंता का विषय बन जाता है। क्रिकेट खिलाड़ियों पर हुए आतंकवादी हमलों की घटनाएँ खेल जगत के लिए बेहद दुखद और चिंताजनक रही हैं।
लाहौर हमला (2009): क्रिकेट इतिहास का काला दिन
3 मार्च 2009 को श्रीलंकाई क्रिकेट टीम की बस पर पाकिस्तान के लाहौर में आतंकवादी हमला हुआ था। इस हमले में बंदूकधारियों ने टीम बस पर गोलियाँ बरसाईं, जिसमें कई खिलाड़ी घायल हो गए थे। इस हमले में छह पुलिसकर्मी और दो नागरिकों की मौत हो गई थी। यह घटना पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर स्थायी प्रभाव डाल गई और कई वर्षों तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय टीम ने पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया।

न्यूजीलैंड टीम पर हमले की आशंका और पाकिस्तान दौरा रद्द (2021)
सितंबर 2021 में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को पाकिस्तान में खेलना था, लेकिन उन्हें संभावित आतंकवादी हमले की धमकियाँ मिलीं। सुरक्षा कारणों से उन्होंने अपना पूरा दौरा रद्द कर दिया, जिससे पाकिस्तान क्रिकेट को भारी झटका लगा। न्यूजीलैंड के इस फैसले के बाद इंग्लैंड ने भी अपना पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया था।
अन्य देशों में क्रिकेट पर आतंकवाद की छाया
- 2002 में भारत: वेस्टइंडीज टीम के भारत दौरे के दौरान उन्हें आतंकवादी हमले की धमकियाँ मिली थीं, लेकिन सुरक्षा इंतजामों के चलते यह दौरा सफल रहा।
- 2017 में इंग्लैंड: मैनचेस्टर में आतंकी हमले के बाद इंग्लैंड में खेले जाने वाले कई मैचों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
- 2008 मुंबई हमला: इस आतंकवादी हमले के चलते 2009 का आईपीएल दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया गया था।
क्रिकेट और आतंकवाद: बढ़ती चुनौतियाँ
आतंकवादी संगठन खेल को निशाना बनाकर न केवल लोगों में भय पैदा करना चाहते हैं, बल्कि इससे देश की छवि भी धूमिल होती है। क्रिकेट विश्व कप, आईपीएल और अन्य प्रमुख टूर्नामेंटों के दौरान सुरक्षा बढ़ा दी जाती है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
क्रिकेट बोर्ड और सुरक्षा उपाय
- सभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट बोर्ड अपनी टीमों की सुरक्षा के लिए सख्त प्रोटोकॉल अपनाते हैं।
- विशेष सुरक्षा एजेंसियाँ खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैनात की जाती हैं।
- आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए मेजबान देशों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखा जाता है।
निष्कर्ष
क्रिकेट पर आतंकवादी हमले केवल एक खेल पर हमला नहीं हैं, बल्कि यह पूरी दुनिया के खेल प्रेमियों की भावनाओं पर प्रहार है। खेल को सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी देशों को मिलकर ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में किसी भी खिलाड़ी या टूर्नामेंट को इस तरह के खतरे का सामना न करना पड़े।
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