BY: Yoganand Shrivastva
मुंबई/ की प्रतिष्ठित तकनीकी संस्था, आईआईटी बॉम्बे, से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात, एक छात्र ने कथित तौर पर संस्थान के छात्रावास की छत से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान रोहित सिन्हा के रूप में हुई है, जो दिल्ली से ताल्लुक रखते थे और मेटा साइंस में अंतिम वर्ष के छात्र थे। उनकी उम्र लगभग 26 वर्ष थी।
पवई पुलिस के अनुसार, यह हादसा रात करीब ढाई बजे घटित हुआ। घटना के समय छात्रावास की छत पर ही एक अन्य छात्र मोबाइल पर बात कर रहा था, जिसने इस भयावह दृश्य को देखा और तुरंत मदद के लिए दौड़ा। रोहित को तत्काल पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
आत्महत्या के कारणों की गहराई से जांच
पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है, जिससे इस कदम के पीछे के कारणों की जानकारी नहीं मिल सकी है। फिलहाल पुलिस रोहित का मोबाइल फोन और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच कर रही है ताकि उनके मानसिक स्थिति और किसी भी प्रकार के दबाव का आकलन किया जा सके। साथ ही, उनके परिवार और दोस्तों से भी बातचीत की जा रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और इस मामले में आकस्मिक मृत्यु (ADR) दर्ज कर जांच जारी है।
आईआईटी में आत्महत्याओं का बढ़ता ग्राफ
जनवरी 2024 से अगस्त 2025 के बीच, भारत के विभिन्न आईआईटी संस्थानों में कुल 13 छात्रों ने आत्महत्या की है। इनमें सबसे अधिक मामले आईआईटी खड़गपुर से दर्ज हुए, जहां चार छात्रों ने अलग-अलग समय पर यह चरम कदम उठाया। इन घटनाओं ने पूरे देश में शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य पर बहस को तेज कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मई 2025 में इन मामलों को गंभीरता से लिया और आईआईटी खड़गपुर व कोटा जैसे संस्थानों में एफआईआर दर्ज न होने की स्थिति को ‘चिंताजनक प्रवृत्ति’ बताया। इसके बाद, मानसिक स्वास्थ्य सुधार और आत्महत्या रोकथाम के लिए एक विशेष 10-सदस्यीय समिति का गठन किया गया।
आंकड़ों में आत्महत्या के मामले (जनवरी 2024 – अगस्त 2025)
- IIT खड़गपुर: 4 छात्र (जून 2024 – अंतिम वर्ष की छात्रा, अप्रैल और मई 2025 – दो सिविल इंजीनियरिंग छात्र, एक अन्य 2024 में)
- IIT गुवाहाटी: 3 छात्र (अप्रैल, अगस्त, और सितंबर 2024)
- IIT कानपुर: 3 छात्र (जनवरी 2024 – एक 31 वर्षीय MTech छात्र और 29 वर्षीय PhD छात्र, फरवरी 2025 – एक 24 वर्षीय PhD छात्र)
- IIT दिल्ली: 1 छात्र (फरवरी 2024 – 24 वर्षीय MTech छात्र)
- IIT रुड़की: 1 छात्रा (फरवरी 2024 – 20 वर्षीय छात्रा)
- IIT BHU: 1 मामला (2024 में)
सुधारात्मक कदम
इन बढ़ते मामलों के बाद, 2024 में आईआईटी प्रशासन ने छात्रों पर मानसिक दबाव को कम करने के लिए उपस्थिति संबंधी नियमों में ढील, लंबी छुट्टियों की व्यवस्था और काउंसलिंग सत्रों को अधिक प्रभावी बनाने जैसे कई कदम उठाए। इसके बावजूद, आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जो संस्थागत वातावरण, सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत मानसिक स्थिति पर गंभीर प्रश्न खड़े करती हैं।