मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन ने कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन जनजातीय विकास कार्यों, आदि कर्मयोगी अभियान, पीएम जनमन योजना, धरती आबा जनजाति उत्कर्ष अभियान और वन अधिकार अधिनियम से जुड़े मुद्दों पर कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नवाचारी प्रयासों से समस्याओं के वैकल्पिक समाधान खोजे जाएं और आदर्श प्रक्रियाओं को अपनाया जाए। जनजातीय विकास की योजनाएं संवेदनशील प्रकृति की होती हैं, इसलिए समय-सीमा का पालन आवश्यक है।
प्रमुख सचिव जनजाति कार्य श्री गुलशन बामरा ने आदि कर्मयोगी अभियान की प्रगति प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि 14,040 लक्षित गांवों में से 10,893 के विलेज एक्शन प्लान बन चुके हैं और 11,394 आदि सेवा केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान योजना, जाति प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड और राशन कार्ड 17,70,745 हितग्राहियों को जारी किए जा चुके हैं।
कॉन्फ्रेंस में पीएम जनमन योजना के तहत हितग्राहियों को मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्कृष्ट प्रदर्शन की जानकारी दी गई। सभी जिलों से अधोसंरचनात्मक कार्य जैसे हॉस्टल, सड़क, आंगनवाड़ी भवन और बहुउद्देशीय सेंटर का जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए। 15 नवंबर को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले राष्ट्रव्यापी जनजाति गौरव दिवस से पहले सभी निर्धारित कार्य पूरे करने के निर्देश दिए गए।
अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल ने वन अधिकार अधिनियम के तहत दिसंबर 2025 तक पूर्व निरस्त दावों का पुनः परीक्षण और लंबित दावों का निराकरण करने के लिए जिलों को निर्देशित किया। उन्होंने वन ग्रामों के संरक्षण और प्रबंधन, बाहरी सीमाओं का निर्धारण और नक्शा तैयार करने, कब्जे और पात्रता का निर्धारण करने की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। वर्तमान में 29 जिलों में 792 वन ग्रामों का परिवर्तन प्रचलन में है। भोपाल, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर और छतरपुर ने वन अधिकार दावों के निराकरण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।