मेरठ के नामी विश्वविद्यालय में उथल-पुथल
उत्तर प्रदेश के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU), मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां हॉस्टल में रह रहे छात्रों की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह वीडियो सामने आते ही छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने रातोंरात प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हॉस्टल के वार्डन को पद से हटा दिया और घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित करने का फैसला लिया है। यह मामला अब सिर्फ एक अनुशासनहीनता की घटना नहीं रह गया, बल्कि छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा बन चुका है।
क्या है CCSU हॉस्टल विवाद का पूरा मामला?
घटना गुरुवार देर रात कैलाश प्रकाश (KP) हॉस्टल में घटी, जब हॉस्टल के वार्डन डॉ. दुश्यंत चौहान ने अनुशासनहीनता की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बीटेक फर्स्ट ईयर के छात्रों को पीटना शुरू कर दिया।
मुख्य आरोप इस प्रकार हैं:
- वॉर्डन ने हॉस्टल की गैलरी में पानी फैलाने को लेकर छात्रों से बहस की।
- इसके बाद उन्होंने लाठी से छात्रों की पिटाई कर दी।
- अन्य छात्रों ने इस घटना का मोबाइल से वीडियो बना लिया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
इस घटना के बाद, आक्रोशित छात्र रात 3 बजे कुलपति आवास के बाहर इकट्ठा हो गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया।
विश्वविद्यालय प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
सोशल मीडिया पर मामले के वायरल होते ही CCSU प्रशासन हरकत में आया और कई निर्णय लिए:
- डॉ. दुश्यंत चौहान को हॉस्टल वार्डन के पद से हटा दिया गया।
- डॉ. के.पी. सिंह को अस्थायी रूप से हॉस्टल की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- घटना की गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जा रही है।
चीफ हॉस्टल सुपरिटेंडेंट प्रो. दिनेश कुमार ने पुष्टि की कि इस समिति में छात्रों का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित करने की कोशिश की जाएगी।
छात्रों का उग्र प्रदर्शन
इस घटना ने छात्रों के बीच नाराजगी की लहर फैला दी:
- रात 3 बजे से छात्र धरने पर बैठ गए।
- ABVP, सपा छात्र सभा, और अन्य संगठनों ने भी प्रदर्शन में भाग लिया।
- छात्रों ने आरोप लगाया कि वार्डन ने दलित छात्रों के प्रति जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।
एक छात्र ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को मामले की जानकारी दी, लेकिन शुरुआत में प्रशासन ने वार्डन का पक्ष लिया।
वार्डन ने क्या कहा?
डॉ. डीके चौहान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा:
- छात्रों ने उन पर हमला किया और गाली-गलौच की।
- उन्होंने छात्रों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें मजबूर होकर जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
- उन्होंने विश्वविद्यालय को वीडियो सबूत और कार में तोड़फोड़ की तस्वीरें सौंपी हैं।
- उनका दावा है कि प्रशासन ने केवल एक पक्ष की कहानी सुनी।
पहले भी विवादों में रहे हैं डॉ. चौहान
यह पहली बार नहीं है जब डॉ. चौहान विवादों में आए हों:
- महाराणा प्रताप हॉस्टल के एक छात्र ने बताया कि डॉ. चौहान ने एक डिलीवरी बॉय को 30 मिनट तक बंधक बनाकर रखने का आदेश दिया था, क्योंकि वह रात 9 बजे के बाद हॉस्टल में पहुंचा था।
- छात्रों ने उन पर अत्यधिक सख्ती और शक्ति का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए हैं।
आगे क्या? जांच समिति पर टिकी निगाहें
कुलपति संगीता शुक्ला फिलहाल विश्वविद्यालय में मौजूद नहीं हैं। उनके लौटने के बाद:
- एक बहु-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया जाएगा।
- समिति में एक छात्र प्रतिनिधि को भी शामिल करने की योजना है।
- रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, और छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
निष्कर्ष: छात्र सुरक्षा पर बड़ा सवाल
CCSU हॉस्टल विवाद ने न केवल विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि छात्रों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है। जिस तरह से यह मामला सामने आया है, उससे विश्वविद्यालय के लिए साख बचाना और छात्रों का भरोसा जीतना अब सबसे बड़ी चुनौती है।