अगर आप ऑनलाइन फिल्म टिकट बुक करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद अहम है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के एक दशक पुराने उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें थिएटर मालिकों को ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर ‘सुविधा शुल्क’ वसूलने से रोका गया था। अब Book My Show और PVR जैसी कंपनियां फिर से यह शुल्क ले सकेंगी।
क्या है मामला?
- महाराष्ट्र सरकार ने साल 2014 में एक आदेश के जरिए थिएटर मालिकों को ऑनलाइन टिकट पर सुविधा शुल्क लेने से मना कर दिया था।
- हालांकि, यह आदेश हाईकोर्ट में चुनौती दिए जाने के बाद लागू नहीं हो सका और मामला विचाराधीन रहा।
- इस दौरान थिएटर मालिक सुविधा शुल्क वसूलते रहे।
बॉम्बे हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की जस्टिस महेश सोनक और जस्टिस जितेंद्र जैन की बेंच ने महाराष्ट्र सरकार के 2013 और 2014 के आदेशों को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि:
- ये आदेश संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन करते हैं, जो नागरिकों को पेशा और व्यापार करने की स्वतंत्रता देता है।
- इन आदेशों में कोई वैधानिक समर्थन (Statutory Backing) नहीं था।
जस्टिस बेंच का तर्क:
“अगर बिजनेस मालिकों को अपने व्यवसाय के विभिन्न पहलुओं को तय करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, तो आर्थिक गतिविधियां रुक जाएंगी।”
याचिकाकर्ताओं की दलील क्या थी?
यह फैसला PVR Limited, Book My Show (Big Tree Entertainment Pvt Ltd) और FICCI-Multiplex Association of India की याचिकाओं के बाद आया है।
मुख्य तर्क:
- ऑनलाइन बुकिंग एक वैकल्पिक सेवा है, जिसमें टेक्नोलॉजी और इंफ्रास्ट्रक्चर में खर्च होता है।
- ग्राहक अगर सुविधा शुल्क नहीं देना चाहते, तो वे थिएटर जाकर बॉक्स ऑफिस से टिकट खरीद सकते हैं।
- ऑनलाइन बुकिंग किसी पर थोपी नहीं जाती, यह केवल एक सुविधा है।
सरकार के आदेश पर क्यों लगी रोक?
- हाईकोर्ट ने 9 जुलाई 2014 को अंतरिम आदेश पारित करते हुए सुविधा शुल्क पर रोक को स्थगित कर दिया था।
- करीब एक दशक तक यह मामला अदालत में विचाराधीन रहा।
अब क्या होगा?
अब बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद, थिएटर मालिक और टिकटिंग प्लेटफॉर्म ऑनलाइन टिकट बुकिंग पर सुविधा शुल्क वसूलने के लिए स्वतंत्र होंगे। यह फैसला व्यापारिक स्वतंत्रता और डिजिटल सेवाओं के संचालन के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है।
बॉम्बे हाईकोर्ट का यह फैसला न केवल व्यवसायिक अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि ग्राहकों को भी विकल्प देता है—चाहें तो वे टिकट बॉक्स ऑफिस से खरीदें या अतिरिक्त शुल्क देकर ऑनलाइन बुक करें। यह निर्णय डिजिटल सेवाओं के विकास और थिएटर इंडस्ट्री को नई ऊर्जा देने वाला है।





