रिपोर्ट: शेखर, बोकारो By: Isa Ahemad
बोकारो में रविवार को हुई गोलीकांड की घटना ने सभी को हैरान कर दिया। एक फल विक्रेता को गोली मारने वाला कोई पेशेवर अपराधी नहीं, बल्कि बिहार पुलिस का एएसआई और उसके साथ मौजूद कांस्टेबल निकले। यह पुलिस टीम झारखंड के बोकारो में एक फरार प्रेमी युगल की तलाश में आई थी।
घटना तब घटी जब पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र से फरार एक प्रेमी जोड़े को ढूंढते हुए बिहार पुलिस की टीम बोकारो के सेक्टर-4 पहुंची। जांच के दौरान पुलिस ने स्थानीय फल व्यवसायी विवेक कुमार साव से पूछताछ की। बताया जा रहा है कि प्रेमी युगल ने विवेक के मोबाइल से किसी परिचित से बात की थी। पूछताछ के दौरान ही अचानक गोली चल गई, जिससे विवेक गंभीर रूप से घायल हो गया।
गोली लगने के बाद घायल अवस्था में विवेक को तत्काल अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस टीम ने उसे सेक्टर-4 भवानी मेडिकल के पास छोड़ दिया और वहां से कोडरमा की ओर भाग निकली। वहां मौजूद एक मेडिकल दुकानदार ने विवेक के परिजनों को सूचित किया। परिजन मौके पर पहुंचे और उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
घटना की सूचना मिलते ही कोडरमा पुलिस हरकत में आई और एनएच-20 के गुमो चौक पर पुलिस टीम को धर दबोचा। हिरासत में लिए गए लोगों में एक एएसआई, दो अन्य पुलिसकर्मी, युवती के पिता और भाई शामिल हैं। कोडरमा एसपी अनुदीप सिंह ने स्वयं हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
इस घटना ने झारखंड और बिहार पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल बोकारो और कोडरमा पुलिस संयुक्त रूप से मामले की जांच कर रही है। गोली चलाने की मंशा, लापरवाही और बिना स्थानीय प्रशासन को सूचित किए कार्रवाई जैसे कई पहलुओं पर जांच की जा रही है।
स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश है, और वे घायल व्यवसायी को न्याय दिलाने की मांग कर रहे हैं।
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