टोक्यो, 24 जनवरी (रायटर्स) – Bank of Japan ने शुक्रवार को ब्याज दरें बढ़ाकर 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद की सबसे ऊंची दर पर पहुंचा दी हैं। यह फैसला दर्शाता है कि बैंक को भरोसा है कि बढ़ती हुई मजदूरी 2% के मुद्रास्फीति लक्ष्य को स्थिर बनाए रखेगी।
यह दर वृद्धि पिछले साल जुलाई के बाद पहली बार हुई है। इस फैसले से कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कार्यभार संभाला, जिससे वैश्विक नीति-निर्माताओं को संभावित व्यापार नीतियों के प्रभाव को लेकर सतर्क रहना पड़ सकता है।
Bank of Japan interest rate में इस बढ़ोतरी के बाद अब शॉर्ट-टर्म पॉलिसी रेट 0.25% से बढ़कर 0.5% हो गया है। जापान में यह दर 17 सालों में पहली बार देखी गई है। यह फैसला बोर्ड के 8-1 वोट से लिया गया, जहां सदस्य टोयोआकी नाकामुरा ने असहमति जताई।
यह कदम बताता है कि सेंट्रल बैंक धीरे-धीरे ब्याज दरों को 1% के करीब लाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह वह स्तर है जिसे विश्लेषक जापान की अर्थव्यवस्था के लिए न तो बहुत ठंडा और न ही बहुत गर्म मानते हैं।
बैंक ने अपने बयान में कहा, “BOJ का लक्ष्य पाने की संभावना बढ़ रही है,” क्योंकि कई कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे इस साल की वार्षिक वेतन वार्ता में मजदूरी बढ़ाने का इरादा रखती हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा, “मूल मुद्रास्फीति BOJ के 2% लक्ष्य की ओर बढ़ रही है।”
Bank of Japan interest rate को लेकर बाजार स्थिर बने हुए हैं, और बैंक ने भविष्य की नीतियों को लेकर संकेत दिया कि आर्थिक और मूल्य पूर्वानुमानों के पूरे होने पर ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की जाएगी।

ब्याज दरों में बढ़ोतरी का असर
BOJ के इस फैसले के बाद येन की कीमत 0.5% बढ़कर 155.32 प्रति डॉलर हो गई। वहीं, दो साल के जापानी गवर्नमेंट बॉन्ड का यील्ड 0.705% तक पहुंच गया, जो अक्टूबर 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
बैंक ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में बताया कि मुख्य मुद्रास्फीति अगले तीन सालों तक 2% या उससे अधिक रह सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि श्रम की बढ़ती कमी और कमजोर येन के कारण आयात की लागत बढ़ने से मुद्रास्फीति बढ़ने का खतरा है।
BOJ के गवर्नर काजुओ उएदा के बयान का बाजारों पर ध्यान है, जहां वे भविष्य में ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना पर चर्चा करेंगे।
Bank of Japan interest rate में यह वृद्धि दिखाती है कि सेंट्रल बैंक जापान की आर्थिक स्थिति को स्थिर करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके साथ ही, मजदूरी और खपत बढ़ने से आने वाले समय में जापानी अर्थव्यवस्था को एक मजबूत आधार मिलने की संभावना है।




