by: vijay nadnan
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर असहमति तेज़ होती दिख रही है। राजद जहां लगातार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने की बात कर रहा है, वहीं कांग्रेस और जन अधिकार पार्टी (पप्पू यादव) चुनाव बाद का रास्ता सुझा रहे हैं।
पप्पू यादव बोले – जीत के बाद विधायक दल करेगा फैसला
मोतिहारी में मीडिया से बात करते हुए सांसद पप्पू यादव ने साफ कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का फैसला चुनाव परिणाम आने के बाद विधायकों की राय से होना चाहिए। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब 24 सितंबर को पटना में कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक होनी है।
हाल ही में बिहार अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव खुद को सीएम उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट करते नज़र आए थे।

कांग्रेस के सम्मान पर सख़्त रुख
पप्पू यादव ने टिकट बंटवारे और कांग्रेस की सीट मांग को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मान से कोई समझौता नहीं होगा। टिकट उन्हीं नेताओं और कार्यकर्ताओं को मिलेगा जिनकी विचारधारा व जमीनी पकड़ मज़बूत है।
महागठबंधन में बढ़ रही पेचीदगी
जानकारों के मुताबिक, मुख्यमंत्री चेहरे और सीट बंटवारे को लेकर जारी मतभेद महागठबंधन की चुनावी रणनीति पर असर डाल सकते हैं। राजद जहां अकेले अपना दबदबा बनाए रखना चाहती है, वहीं कांग्रेस अपनी हिस्सेदारी और गरिमा की बात कर रही है।
पप्पू यादव के इस बयान से संकेत मिलता है कि तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से नेता मानने का रास्ता आसान नहीं होगा और इससे सीट बंटवारे की प्रक्रिया और भी जटिल हो सकती है।