लखनऊ अवैध धर्मांतरण मामले में स्पेशल एनआईए – एटीएस कोर्ट ने मौलाना उमर गौतम व मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित 12 आरोपियों को दोषी पाए जाने पर उम्र कैद की सजा सुनाई है। वहीं चार अन्य लोगों को 10 साल की सजा हुई है। इस केस में कल यानी 10 सिंतबर मंगलवार को सुनवाई हुई थी और कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित 12 आरोपियों को उम्र कैद और मन्नू यादव, राहुल भोला, मो.सलीम, कुणाल अशोक को 10-10 साल की सजा हुई है।
कई राज्यों में चलाते थे गैंग
उत्तर प्रदेश DGP प्रशांत कुमार ने बताया कि 20 जून 2021 को अवैध धर्मांतरण मामले में एटीएस ने 2 नामजद लोगों पर मुकदमा दर्ज़ किया था। जिनका नाम मोहम्मद उमर गौतम व मुफ्ती जहांगीर आलम कासमी था। ये लोग इस्लामिक दावा सेंटर दिल्ली में चलाते थे, इनके द्वारा कमजोर वर्ग के लोगों, गरीब व दिव्यांग लोगों को पैसे की लालच देकर एक धर्मांतरण रैकेट चलाया जा रहा था। इनके लोग दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब तथा अन्य प्रदेशों में भी फैले थे।
17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल थी
प्रशांत कुमार ने बताया कि कुल 17 लोगों की खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। उनमें से 16 व्यक्तियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। 12 व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है और अन्य 4 लोगों को दस साल की सज़ा सुनाई गई है। सरगना मौलाना उमर गौतम, जहांगीर आलम कासमी तथा कलीम सिद्दीकी सहित 12 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है कुल 17 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी इसमें से एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाई गई थी।