by: vijay nandan
Bhopal: मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को नई पहचान देने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शनिवार को भोपाल में सम्राट विक्रमादित्य प्रवेश द्वार का भूमिपूजन किया। यह भव्य द्वार भोपाल–इंदौर स्टेट हाईवे (इंदौर–सीहोर रोड) पर फंदा क्षेत्र में निर्मित किया जाएगा, जो उज्जैन स्थित विक्रमादित्य द्वार की तर्ज पर होगा।
यह कार्यक्रम Bhopal के महाराणा प्रताप शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, फंदा परिसर में आयोजित हुआ। इसी अवसर पर प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत अत्याधुनिक ई-बस डिपो के निर्माण का भी भूमिपूजन किया गया।

सम्राट विक्रमादित्य, राजाभोज सहित अन्य महापुरुषों के नाम पर स्थापित होंगे द्वार…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 13, 2025
आज भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में 'सम्राट विक्रमादित्य प्रवेश द्वार' और पीएम ई-बस सेवा योजनांतर्गत अत्याधुनिक 'ई-बस डिपो' का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर तुमड़ा गांव में सरदार पटेल स्कूल के निर्माण… pic.twitter.com/alE2LvPIy2
Bhopal; विरासत और विकास का संगम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह प्रवेश द्वार प्रदेश की गौरवशाली परंपरा और आधुनिक विकास का प्रतीक बनेगा। उन्होंने बताया कि भोपाल के विभिन्न प्रवेश मार्गों पर कुल 9 भव्य द्वार बनाए जाएंगे, जिन्हें श्रीराम, श्रीकृष्ण, सम्राट अशोक, सम्राट विक्रमादित्य जैसे महापुरुषों के नाम दिए जाएंगे। इससे पहले भोज–नर्मदा द्वार का भूमिपूजन भी किया जा चुका है।
इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फंदा क्षेत्र का नाम बदलकर “हरिहर नगर” करने की घोषणा भी की।
सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य को समर्पित भव्य द्वार के निर्माण हेतु भूमिपूजन कर आज का दिन अमर हो गया है : CM@DrMohanYadav51 #अभ्युदय_मध्यप्रदेश #प्रगति_के_दो_वर्ष #डॉ_मोहन_यादव_का_विकसित_MP pic.twitter.com/bJGLcAaEMF
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) December 13, 2025
सादगी और सामाजिक संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. मोहन यादव ने समाज को फिजूलखर्ची से बचने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि मृत्यु भोज और शादियों में अनावश्यक खर्च से बचना चाहिए। मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने अपने बेटे की शादी सामूहिक विवाह सम्मेलन में कराई।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” मंत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केवल नारा नहीं, बल्कि व्यवहार में उतारने की आवश्यकता है।
सादगी बनाम दिखावे की बहस
हालांकि मुख्यमंत्री की इस सादगी की अपील के बीच हाल ही में इंदौर में आयोजित एक भव्य राजनीतिक विवाह समारोह को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल भी उठे। लोगों का कहना है कि यदि सादगी का संदेश दिया जा रहा है, तो उसे संगठन और समाज के हर स्तर पर लागू किया जाना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि मुख्यमंत्री का संदेश सकारात्मक है और यदि इसे व्यापक रूप से अपनाया जाए, तो सामाजिक सुधार की दिशा में यह एक मजबूत पहल साबित हो सकती है। कुल मिलाकर यह आयोजन विरासत संरक्षण, आधुनिक विकास और सामाजिक चेतना—तीनों का संतुलित संदेश देता नजर आया।





