विष्णु गौतम, भिलाई।
भिलाई में केनाल रोड फेस-2 के निर्माण कार्य की शुरुआत से पहले ही विवाद की स्थिति बन गई है। शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब पीडब्ल्यूडी की टीम सड़क निर्माण के लिए 40 फीट चौड़ी मार्किंग करने पहुंची। अचानक हुई इस कार्रवाई से स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने वार्ड पार्षद के नेतृत्व में एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि विकास कार्यों के नाम पर किसी को बेघर करना उचित नहीं है। लोग वर्षों से यहां बसे हैं और उनके घरों का अचानक तोड़फोड़ किया जाना उनकी रोजी-रोटी पर भी संकट खड़ा कर देगा।
पुराना है केनाल रोड का प्लान
केनाल रोड का प्रस्तावित प्लान नया नहीं है। योजना के तहत शहर के बीच से गुजरने वाली नहर को अंडरग्राउंड कर उसके ऊपर सड़क बनानी है। पहले चरण में खुर्सीपार के जीरो प्वाइंट से नंदिनी रोड तक सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां से आवागमन भी प्रारंभ हो गया है। अब दूसरे चरण में नंदिनी रोड से कोहका तक निर्माण किया जाना है।
मार्किंग को लेकर मचा बवाल
पूर्व में भिलाई नगर निगम द्वारा 30 फीट चौड़ी सड़क के लिए मार्किंग की गई थी, जिस पर स्थानीय लोग संतुष्ट थे और कुछ प्रभावितों को व्यवस्थापन भी दिया गया था। लेकिन अब अचानक 40 फीट की मार्किंग किए जाने से कई घर और दुकानें अधिग्रहण की जद में आ गईं, जिससे लोग आक्रोशित हो गए। लोगों का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर तोड़फोड़ से वे बेघर हो जाएंगे और उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो जाएगा।
व्यवस्थापन से भी लोग असंतुष्ट
प्रशासन द्वारा प्रभावित परिवारों को 1 बीएचके मकान देने का प्रस्ताव दिया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि इतने छोटे घर उनके बड़े परिवारों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। कई मकानों में दो से तीन परिवार एक साथ निवास कर रहे हैं। इसके अलावा, केनाल रोड निर्माण से उनका रोजगार भी प्रभावित होगा क्योंकि अधिकतर लोग स्थानीय स्तर पर ही आजीविका चलाते हैं।
पार्षद मन्नान ने किया विरोध
वार्ड पार्षद मन्नान ने भी केनाल रोड फेस-2 के काम का विरोध जताया है। उनका कहना है कि केवल उनके वार्ड में ही 250 घर प्रभावित हो रहे हैं और कोहका तक हजारों मकान इस योजना की जद में आएंगे। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि खुर्सीपार में पहले बनी केनाल रोड का भी पूर्ण उपयोग नहीं हो रहा है, फिर बस्ती के बीचोंबीच फोरलेन सड़क बनाने का क्या औचित्य है। पार्षद ने सुझाव दिया कि 40 फीट के बजाय दोनों ओर 20-20 फीट की सड़क बनाई जाए, जिससे लोगों को कम से कम नुकसान हो।