Mohit Jain
BCCI: भारतीय महिला क्रिकेट के लिए बीसीसीआई ने एक ऐतिहासिक और बड़ा फैसला लिया है। हाल ही में भारतीय महिला टीम द्वारा वनडे वर्ल्ड कप 2025 जीतने के बाद बोर्ड ने घरेलू महिला क्रिकेटरों को बड़ा आर्थिक तोहफा दिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने घरेलू क्रिकेट में महिला खिलाड़ियों की मैच फीस को बढ़ाकर पुरुष खिलाड़ियों के समान कर दिया है। इस फैसले को महिला क्रिकेट में समानता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
BCCI: घरेलू क्रिकेट में लागू हुई समान मैच फीस नीति

बीसीसीआई ने घरेलू क्रिकेट में समान मैच फीस की ओर बढ़ते हुए महिला क्रिकेटरों और मैच अधिकारियों की फीस में दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ोतरी की है। नए वेतन ढांचे के अनुसार, घरेलू वनडे और मल्टी-डे मुकाबलों में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनने वाली महिला खिलाड़ियों को अब प्रति दिन पचास हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं रिजर्व खिलाड़ियों को प्रति मैच पच्चीस हजार रुपये की राशि मिलेगी।
टी20 मुकाबलों में भी महिला खिलाड़ियों की फीस में बड़ा इजाफा किया गया है। अब टी20 मैचों में प्लेइंग इलेवन में शामिल खिलाड़ियों को पच्चीस हजार रुपये प्रति मैच और बेंच पर बैठी खिलाड़ियों को बारह हजार पांच सौ रुपये का भुगतान किया जाएगा। इससे पहले सीनियर महिला खिलाड़ियों को प्लेइंग इलेवन में होने पर सिर्फ बीस हजार रुपये और रिजर्व खिलाड़ियों को दस हजार रुपये ही मिलते थे।
BCCI:जूनियर महिला खिलाड़ियों को भी मिलेगा आर्थिक फायदा
बीसीसीआई ने इस फैसले के दायरे में जूनियर लेवल की महिला खिलाड़ियों को भी शामिल किया है। जूनियर स्तर के मल्टी-डे और वनडे मुकाबलों में अब प्लेइंग इलेवन की खिलाड़ियों को प्रति दिन पच्चीस हजार रुपये और रिजर्व खिलाड़ियों को बारह हजार पांच सौ रुपये मिलेंगे।
वहीं टी20 मैचों में जूनियर प्लेइंग इलेवन की खिलाड़ियों को बारह हजार पांच सौ रुपये प्रति मैच और प्लेइंग इलेवन में शामिल न होने वाली खिलाड़ियों को छह हजार दो सौ पचास रुपये का भुगतान किया जाएगा। इस बदलाव से युवा महिला क्रिकेटरों को न केवल आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि उन्हें अपने खेल पर ज्यादा फोकस करने का अवसर भी मिलेगा।
मैच अधिकारियों की फीस में भी हुई बड़ी बढ़ोतरी

बीसीसीआई के इस फैसले का लाभ सिर्फ खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है। घरेलू क्रिकेट में अंपायर और मैच रेफरी सहित सभी मैच अधिकारियों की फीस में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है। घरेलू टूर्नामेंटों के लीग मैचों के लिए अंपायरों और मैच रेफरी को अब प्रति दिन चालीस हजार रुपये दिए जाएंगे।
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नॉकआउट मुकाबलों में यह राशि बढ़कर प्रति दिन पचास हजार से साठ हजार रुपये तक हो जाएगी। इस बढ़ोतरी के बाद रणजी ट्रॉफी लीग मैचों में अंपायरिंग करने वाले अधिकारियों को अब प्रति मैच लगभग एक लाख साठ हजार रुपये मिलेंगे, जबकि नॉकआउट मैचों में उन्हें ढाई लाख से तीन लाख रुपये तक का भुगतान किया जाएगा।
महिला क्रिकेट के भविष्य के लिए ऐतिहासिक कदम

बीसीसीआई का यह फैसला महिला क्रिकेट को समानता और सम्मान देने की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है। घरेलू स्तर पर पुरुष और महिला खिलाड़ियों को समान मैच फीस मिलने से यह साफ हो गया है कि अब भारतीय क्रिकेट में मेहनत और प्रदर्शन को प्राथमिकता दी जाएगी, न कि लिंग को। इस फैसले से महिला क्रिकेट को नई पहचान मिलेगी और आने वाले समय में अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ी आगे आएंगी।





