बांग्लादेश से एक बेहद दुखद और चिंताजनक खबर सामने आई है। नोबेल पुरस्कार विजेता और विश्वप्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर सिराजगंज जिले में भीड़ ने हमला कर दिया और जमकर तोड़फोड़ मचाई। यह स्थान ‘कचहरीबाड़ी’ के नाम से जाना जाता है, जो ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।
क्या है पूरी घटना?
यह घटना 8 जून 2025 को घटी। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक व्यक्ति अपने परिवार के साथ कचहरीबाड़ी घूमने गया था। मोटरसाइकिल पार्किंग को लेकर उस व्यक्ति और संग्रहालय के एक कर्मचारी के बीच विवाद हो गया।
- विवाद बढ़ने पर कर्मचारी ने उस व्यक्ति को कार्यालय के एक कमरे में बंद कर दिया और मारपीट की।
- इस घटना की खबर जैसे ही स्थानीय लोगों तक पहुंची, गुस्से में आई भीड़ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
- देखते ही देखते, भीड़ ने संग्रहालय के सभागार पर हमला बोल दिया और तोड़फोड़ की।
- हमले के दौरान संस्थान के एक निदेशक के साथ मारपीट भी की गई।
कार्रवाई और जांच के हालात
इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेते हुए बांग्लादेश के पुरातत्व विभाग ने जांच के आदेश दिए हैं।
- 3 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है।
- समिति को 5 कार्य दिवसों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
- जब तक जांच पूरी नहीं होती, कचहरीबाड़ी में आम जनता की एंट्री अस्थायी रूप से रोक दी गई है।
क्यों महत्वपूर्ण है कचहरीबाड़ी?
कचहरीबाड़ी, जिसे रवींद्र कचहरीबाड़ी या रवींद्र स्मारक संग्रहालय भी कहा जाता है, बांग्लादेश के शहजादपुर (राजशाही डिवीजन) में स्थित है। यह स्थान रवींद्रनाथ टैगोर के पारिवारिक राजस्व कार्यालय और निवास के रूप में जाना जाता है।
- यहीं रहते हुए टैगोर ने कई प्रसिद्ध साहित्यिक कृतियों की रचना की थी।
- यह घर भारतीय उपमहाद्वीप की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
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रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महान साहित्यकार की धरोहर पर हमला न केवल एक कानूनी अपराध है, बल्कि यह सांस्कृतिक असहिष्णुता की भी भयावह मिसाल है। सरकार को चाहिए कि वह दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे और इस ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा सुनिश्चित करे।