ऑस्ट्रेलिया और ईरान के बीच कूटनीतिक तनाव नए स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने ईरान पर सीधे तौर पर यह आरोप लगाया है कि उसने ऑस्ट्रेलिया में यहूदी विरोधी हमलों को अंजाम दिलाने में भूमिका निभाई। इस आरोप के बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए ईरानी राजदूत को देश से निष्कासित करने की घोषणा की।
पीएम अल्बनीज का बयान
प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसियों ने स्पष्ट सबूत पेश किए हैं जिनसे पता चलता है कि:
सिडनी के एक रेस्टोरेंट पर हमला और मेलबर्न की एक मस्जिद पर हमला दोनों ही ईरानी नेटवर्क से जुड़े थे। उन्होंने साफ कहा कि यह ऑस्ट्रेलिया की संप्रभुता और सामाजिक सामंजस्य पर सीधा हमला है।
हमलों के पीछे बढ़ती घटनाएं
2023 में हमास और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से ऑस्ट्रेलिया के शहरों सिडनी और मेलबर्न में यहूदी विरोधी घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी हुई। स्थानीय समुदायों में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा हुआ है।
अल्बनीज के मुताबिक, विदेशी ताकतों का इस तरह हस्तक्षेप करना न केवल अस्वीकार्य है बल्कि यह ऑस्ट्रेलिया के कानून और लोकतंत्र पर खतरा भी है।
ऑस्ट्रेलिया की कार्रवाई
सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए:
- ईरानी राजदूत को निष्कासित करने का आदेश दिया।
- राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को चौकसी बढ़ाने का निर्देश दिया।
- यहूदियों और मुस्लिम समुदाय दोनों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय किए।
नतीजे और अंतरराष्ट्रीय असर
ऑस्ट्रेलिया के इस कड़े कदम से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ना तय है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला मध्य-पूर्व के तनाव और वैश्विक राजनीति को भी प्रभावित कर सकता है।
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ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के इन आरोपों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है। ईरान पर यह आरोप न केवल ऑस्ट्रेलिया-ईरान संबंधों को प्रभावित करेगा, बल्कि यहूदी विरोधी घटनाओं पर वैश्विक बहस को भी तेज करेगा।