हरियाणा में विधानसभा चुनाव का शोर चारों और सुनाई दे रहा है। जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे वैसे चुनावी घमासान दिलचस्प होता जा रहा है। जहां कांग्रेस और आप के गठबंधन को लेकर संसय की स्थिति बरकरार है तो वहीं इंतजार कांग्रेस के प्रत्याशियों का भी है। लेकिन जब काफी चिंतन मंथन के बाद भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची सामने आई, तो पार्टी में बगावत टिकट न मिलने वालों के सिर चढ़कर बोल रही है। पार्टी से इस्तीफों का सिलसिला भी शुरु हो गया है, जिसको लेकर कांग्रेस और अन्य दल भाजपा पर हमलावर हैं। तो वहीं कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठबंधन की अटकलों पर भाजपा नेता भी दोनों ही दलों को निशाने पर ले रहे हैं।
उधर बात यदि पिछला लोकसभा औऱ विधानसभा चुनाव की करें तो लोकसभा चुनावों में हरियाणा में कांग्रेस को 43 फ़ीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी ने 46 फ़ीसदी वोट हासिल किए थे। यानी दोनों प्रमुख दलों के बीच वोटों का अंतर काफ़ी कम रहा था। लोकसभा चुनावों में बीजेपी को राज्य की 44 विधानसभा सीटों पर सबसे ज़्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस 42 विधानसभा में आगे रही थी। इस लिहाज़ से भी दोनों दलों के बीच अंतर काफ़ी छोटा रहा था। तो वहीं राज्य में साल 2019 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 40 सीटें मिली थीं और उसने 10 सीटें जीतने वाली दुष्यंत चौटाला की जन नायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी। हालाँकि इसी साल मार्च महीने में मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के बाद यह गठबंधन टूट गया था। बात कांग्रेस की करें तो राज्य के पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 31 सीटों पर ही जीत मिल पाई थी। लेकिन इस साल हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने राज्य की बराबर पांच-पांच सीटों पर जीत हासिल की है। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव की स्थिति काफी दिलचस्प बनी हुई है। जिसको लेकर राजनीतिक दलों के अपने अपने दांव भी हैं और दावे भी।
हरियाणा का चुनावी रण सज गया है, हरियाणा का सियासी पारा हाई है, चुनावों में बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत अन्य छोटे दल भी चुनाव मैदान में हैं। चुनावों में ज़्यादा से ज़्यादा सीटों पर क़ब्ज़ा करने के लिए राज्य में छोटे बड़े सियासी दल अपनी अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं।अब जहां भाजपा ने उम्मीदवारों की अपनी पहली ही जंबो सूची में 67 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया, तो वहीं कांग्रेस भी करीब आधे नामों पर सहमति बनने का दावा कर रही है। यहां कांग्रेस की सुई आम आदमी पार्टी से गठबंधन को लेकर भी अटकी हुई है। विधानसभा चुनाव को लेकर बात बीजेपी की करें तो बीजेपी ने पहली लिस्ट में जातीय समीकरण का खासा ख्याल रखा है। पहली लिस्ट में सबसे ज्यादा OBC कैटेगरी के उम्मीदवारों को टिकट दिए गए है। पार्टी ने….
• OBC से 15, जाट और SC कैटेगरी से 13-13 उम्मीदवार उतारे हैं
• बीजेपी ने वैश्य समुदाय के 5 प्रत्याशियों को टिकट दिया है
• जबकि 9 ब्राह्मण उम्मीदवार भी मैदान में उतारे हैं
• बीजेपी ने 17 विधायकों और 8 मंत्रियों पर फिर से भरोसा जताया है
• तो वहीं बीजेपी ने 8 महिलाओं को भी प्रत्याशी बनाया है
अब भले ही भाजपा ने टिकट देने में जातीय समीकरण साधने की कोशिश की गई हो, लेकिन टिकट कटने से नाराज नेताओं की बगावत भी भाजपा के लिये परेशानी का सबब बनती जा रही है। कोई पार्टी के कर्ताधर्ताओं को चेता रहा है, तो किसी ने बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है।हालांकि अपनों की नाराजगी को लेकर बीजेपी अभी वेट एंड वॉच की पॉलिसी पर चल रही है। लेकिन दावा विकास और जीत का ही है। उधर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर कांग्रेस में मंथन का दौर जारी है, बताया जा रहा है कि 90 में से 45 सीटों पर चर्चा हुई है और 34 नाम तय भी कर लिए हैं। हालांकि आप के साथ गठबंधन में अभी पेच फंसा हुआ है। दरअसल गठबंधन में…
• आम आदमी पार्टी को कांग्रेस 7 सीट देने को तैयार है
• लेकिन AAP ने 10 सीटों की डिमांड रखा है
अब सभी की नजर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संभावित गठबंधन पर है। इस गठबंधन को लेकर दोनों पार्टियां लगातार बैठकें कर रही हैं, कई राउंड की मीटिंग हो चुकी है। अब यदि कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो कांग्रेस का आप के साथ गठबंधन होना लगभग तय माना जा रहा है। साथ ही सपा और माकपा भी कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने इन दलों को एक-एक सीट देने के संकेत दिए है।
कांग्रेस की पूरी कोशिश ये भी है कि हरियाणा में किसानों के साथ ही खिलाड़ियों की नाराजगी को भाजपा के खिलाफ भुनाया जा सके। ऐसे में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं। नई दिल्ली में बुधवार को दोनों पहलवानों ने नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की थी। लेकिन जननायक जनता पार्टी सुप्रीमो दुष्यंत चौटाला सीएम नायब सिंह को कटी पतंग तो बीजेपी को हवा का बुलबुला बता रहे हैं, कह रहे है कि कांग्रेस की भी बुरा हाल होगा।
दुष्यंत चौटाला, JJM सुप्रीमो
हरियाणा विधान सभा चुनाव में दलित वोट के लिए लड़ाई तेज, बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला और भी रोचक हो गया है। क्योंकि हरियाणा की कुल जनसंख्या में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 20.2 फीसदी है और विधानसभा में इस समुदाय के लिए 17 सीटें आरक्षित हैं। जो भाजपा और कांग्रेस के सियासी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।अब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हरियाणा में सियासी अखाड़ा सजा हुआ है, जैसे-जैसे वोटिंग की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे वैसे चुनावी घमासान तेज हो रहा है